रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) का स्थापना दिवस है. आज से चार वर्ष पूर्व अजीत जोगी ने जेसीसी(जे) की स्थापना की थी. हालांकि आज वर्षगांठ के मौके पर अब पार्टी के संस्थापक अजीत जोगी नहीं है. अजीत जोगी दिवंगत हो चुके हैं. अब पूरी तरह पार्टी की कमान उनके बेटे अमित जोगी के हाथ में है. अमित जोगी ने स्थापना दिवस के इस मौके पर अपने पिता अजीत जोगी को याद करते हुए प्रदेशवासियों के नाम संदेश लिखा है.
अमित जोगी ने लिखा है-
छत्तीसगढ़ के जन, जल, जंगल और जमीन के विकास तथा छत्तीसगढ़ पर अमीर धरती गरीब लोग के अभिशाप को मिटाने, छत्तीसगढ़ रत्न, विकास पुरुष अजीत जोगी जी ने 21 जून 2016 को क्षेत्रीय राजनीतिक दल ‘जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे)’ का गठन किया था. आज ‘जोगी पार्टी’ की स्थापना को 4 वर्ष पूर्ण हुए.
अत्यंत दुखद है कि पार्टी के स्थापना दिवस पर इस वर्ष हमारे बीच जोगी जी नहीं हैं. उन्होंने अपनी दूरदृष्टता से, कड़ी मेहनत, तपस्या और बलिदान से छत्तीसगढ़वासीयों के हितों की रक्षा के लिए एक मजबूत क्षेत्रीय दल की नींव रखी. पार्टी स्थापना के दो वर्षों के अल्प समय में ही सात सीटें जीतकर, 14 प्रतिशत वोट पाकर भारत की राजनीति में इतिहास रचा। जोगी जी ने अपनी पुस्तक ‘स्वर्ण कण जन’ में लिखा है:
“मरने वाले मरते है लेकिन फ़ना होते नहीं
लोग हक़ीक़त में कभी हमसे जुदा होते नहीं”
आज मुझे ऐसा लगता है कि यह पंक्तियाँ उन्होंने स्वयं पर ही लिखी थीं.
जोगी जी हमेशा कहते थे, क्षेत्र अधिकार की लड़ाई राजनीतिक से ज्यादा वैचारिक है और इसलिए पार्टी को सींचने और मजबूत करने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ के युवाओं की है.
पार्टी के चार वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य पर, पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते मैं अपने विचारों को इन पंक्तियों के माध्यम से आपके साथ साझा कर रहा हूँ.
“अभी तो चार कदम चलें हैं
अभी तो दौड़ना है साथी,
अभी तो आधा युद्ध लड़े हैं,
अभी तो जीतना है बाकी,
अभी तो जोगी की अखंड़ ज्योत ज्वाला बनेगी,
अभी तो जनता कांग्रेस एक नया इतिहास लिखेगी।”
जय छत्तीसगढ़!