विशाखापट्टनम। भारतीय नौसेना में अनोखा मामला सामने आया है. नेवी में सेलर के पद पर पदस्थ मनीष कुमार गिरी ने अपना सेक्स चेंज करवाकर महिला बन गया, जिसके बाद उसे नौसेना ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया. नेवी ने बताया कि इस पोस्ट पर सिर्फ पुरुषों की भर्ती होती है. न तो महिला और न तो ट्रांसजेंडर इस पोस्ट पर काम कर सकते हैं.

बता दें कि नेवी में सेलर मनीष ने अपना जेंडर चेंज करवाकर महिला बन गया और उसने अपना नाम सबी गिरी रख लिया है. इंडियन नेवी ने एक प्रेस रिलीज जारी की, जिसमें कहा कि मनीष ने 22 दिनों की छुट्टी ली थी और निजी हॉस्पिटल में जेंडर चेंज ऑपरेशन करवाया. नेवी ने ये भी कहा कि मनीष ने भर्ती के नियमों का उल्लंघन किया है.

बता दें कि मनीष मुंबई का रहने वाला है, उसने 7 साल पहले ईस्टर्न नेवल कमान के मरीन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में बतौर सिपाही ज्वाइन किया था. मनीष का कहना है कि वो अंदर से खुद को एक महिला महसूस करता था और बेहद परेशान था. क्योंकि पुरुष के शरीर के अंदर एक महिला होना उसके लिए बेहद मुश्किल था. ऐसे में उसने 2016 में विशाखापट्टनम में एक डॉक्टर से संपर्क किया, जिसने उसे सेक्स चेंज करवाने की सलाह दी.

इसके बाद मनीष ने सेक्स री असाइनमेंट सर्जरी करवाई.

नेवी का फैसला

नेवी अधिकारियों ने मनीष के मामले को रक्षा मंत्रालय के पास भेज दिया था. जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ने उसे नौकरी से बर्खास्त करने का फैसला लिया. चूंकि उसने 15 साल की नौकरी पूरी नहीं की है, इसलिए उसे पेंशन भी नहीं मिलेगी.

कोर्ट जाने का फैसला

मनीष उर्फ सबी ने नेवी के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला लिया है. उसने कहा कि सेक्स चेंज करवाना कोई गुनाह नहीं है कि उसके लिए उसे नौकरी से निकाल दिया जाए. उसका कहना है कि वो प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं.

नेवी का तर्क

इधर नौसेना का कहना है कि एक तो मनीष ने भर्ती नियमों को तोड़ा, ऊपर से उसे नाविक के तौर पर लैंगिक स्थिति, मेडिकल कंडीशन के कारण भी जॉब पर नहीं रखा जा सकता है.

गौरतलब है कि मनीष शादीशुदा और एक बच्चे का पिता भी है.