रायपुर- गला तर करने पर अघोषित प्रतिबंध लगता नजर आ रहा है. राजधानी रायपुर की 60 से ज्यादा शराब दुकानों पर आज ताला लग गया है. वजह बताई जा रही है कि शराब दुकानों के लिए जिन कर्मचारियों की तैनाती की गई, महीनों से उन्हें वेतन नहीं दिया गया. प्रदेश के कई जिलों में शराब दुकानों में तैनात कर्मचारियों के विरोध-प्रदर्शन के बाद अब राजधानी में भी शराब दुकान के संचालन के लिए तैनात किए गए कर्मचारी वेतन नहीं मिलने से नाराज होकर आंदोलन पर उतर आए. कर्मचारियों ने कलेक्टोरेट परिसर में आज प्रदर्शन किया और आला अधिकारियों से मिलकर वेतन दिए जाने की मांग की है.
दरअसल शासन ने शराब दुकानों का संचालन अपने हाथ में ले लिया है. शराब की फुटकर बिक्री के लिए शासन ने कार्पोरेशन का भी गठन किया है और कार्पोरेशन ही प्रदेश में शराब की फुटकर बिक्री कर रहा है. इधर शराब की बिक्री के लिए कर्पोरेशन द्वारा संचालित की जा रही दुकानों में सुपरवाइजर, सेल्समेन, मल्टीपर्पज और गार्ड्स की नियुक्तियां की गई. कर्मचारियों का आरोप है कि बीते तीन महीनों से उन्हें वेतन नहीं दिया गया. दुकानों में यदि टूटफूट हो रही है, तो भी कर्मचारियों की जेब से उसकी वसूली की जा रही है. इससे पहले जब ठेकेदारी सिस्टम था, तब टूट फूट पर .05 फीसदी छूट मिलती थी. लेकिन जब से शासन ने ठेकेदारी सिस्टम खत्म किया है. तब से अधिकारी .5 फीसदी की इस छूट का फायदा उठाकर राशि का गबन कर रहे हैं. कर्मचारियों की दलील ये भी है कि बिक्री के ऐवज में राशि अंतर आने पर शराब दुकानों में तैनात कर्मचारियों से ही उसकी भरपाई की जाती है.
राजधानी के शराब दुकानों के कर्मचारियों ने दो दिनों पहले ही अपनी समस्याओं को लेकर आबकारी अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था. बताया जाता है कि तमाम दिक्कतों को खत्म करने का आश्वासन दिया गया था, बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं होने से नाराज कर्मचारियों ने शराब दुकानों में ताला जड़ दिया.