रोहित कश्यप,मुंगेली। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के प्रभार वाले जिले मुंगेली में विभाग के नाक के नीचे संचालित निजी अस्पतालों में जमकर नर्सिंग होम एक्ट की धज्जियां उड़ाई जा रही है. आलम ये है कि संचालित कई निजी अस्पतालों में न ही नर्सिंग होम का लाइसेंस है और न ही किसी भी प्रकार की अनुमति मिली है. इसके बावजूद कुछ निजी अस्पतालों ने इसे एक धंधा बना लिया है, जो कि धड़ल्ले से सभी नियम कायदों को ताक पह रख अस्पताल का संचालन कर आमजनों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है. जिस अस्पताल को अभी संचालन का परमिशन ही नहीं मिला है, जहाँ सिर्फ ओपीडी तक का संचालन करना है, वो भी खुलेआम बगैर विशेषज्ञ के ऑपरेशन तक करने में नहीं चूक रहे. सोशल डिस्टेसिंग का भी पालन नहीं हो रहा, 10 बाई 10 के कमरे में तीन-तीन बेड लगे हुए है.

यह पूरा मामला मुंगेली जिला मुख्यालय से महज कुछ ही दूरी पर संचालित आशीर्वाद अस्पताल का है, जहां एक बड़ा बोर्ड लगा है उसमें डॉक्टर का नाम बाजपेयी लिखा हुआ है. मगर डॉक्टर को आप सिर्फ बोर्ड में ही पाएंगे. यहां इलाज से लेकर ऑपरेशन के काम जुगाड़ में चलता है. महीने भर पहले खुले इस अस्पताल में न कोई विशेषज्ञ और ना ही एमबीबीएस डॉक्टर की टीम और न ही कोई सर्जन है. इसके बावजूद अस्पताल में धड़ल्ले से मोटे रकम लेकर ऑपरेशन किए जा रहे है. ताज्जुब की बात तो ये है कि बगैर स्त्रीरोग विशेषज्ञ के यहाँ प्रसूताओं की जान से खिलवाड़ करते हुए जनरल सर्जन सर्जरी कर प्रसव करा रहे है. इससे भी बड़ी बात ये है कि यहां जिला अस्पताल में पदस्थ सरकारी डॉक्टर ऑपरेशन करने आते है जो कि नियम विपरीत है.

कंटेनमेंट जोन रहे बरदुली की रहने वाली प्रसूता सविता साहू को प्रसव के लिए जिला अस्पताल भर्ती किया गया था, लेकिन वहां ऑपरेशन का इंतजाम नहीं है कहकर उसे बिलासपुर सिम्स रेफर कर दिया गया. अस्पताल न ले जाकर परिजन उसे आशीर्वाद हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया. जहां उसका ऑपरेशन से प्रसव किया गया. हैरानी की बात तो तब हो गई जब परिजनों के बताए मुताबिक अस्पताल का कर्मचारी योगेश साहू ने ही उनका ऑपरेशन कर दिया. जिसके एवज में 40 हजार रुपये रकम भी लिए गए.

मामले की जानकारी लेने जब हम आशीर्वाद हॉस्पिटल पहुंचे, तो वहाँ हॉस्पिटल के अंदर और भी कई प्रसूताओं का ऑपरेशन से प्रसव किया गया था. जिसके बारे में पूछने पर बताया गया कि उनका ऑपरेशन सुखनन्दन हॉस्पिटल के जनरल सर्जन डॉ. राज सुखनन्दन ने  किया है. कर्मचारी ने खुद ऑपरेशन करने की बात को खारिज कर दिया. बिना कोई स्त्री रोग और बिना कोई अनुमति के ऑपरेशन की बात पर गोलमोल जवाब देने लगे.

नर्सिंग होम के नोडल अधिकार डॉ सुदेश रात्रे ने बताया कि नर्सिंग होम का पालन न करने वाले हॉस्पिटल को नोटिस भेजा गया है. उन्होंने बताया कि आशीर्वाद हॉस्पिटल ने सिर्फ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया है. अभी उनका रजिस्ट्रेशन होना बाकी है. अभी सिर्फ ओपीडी चला सकते है और ऑपरेशन नहीं कर सकते, लेकिन ऑपरेशन करने की शिकायत मिलेगी, तो कार्रवाई जरूर की जाएगी. उन्होंने बताया कि बिना स्त्री रोग विशेषज्ञ के ऑपरेशन करना गलत है.

मुंगेली जिले में अवैध तरीके से क्लिनिक संचालन करने का कारोबार भी धड़ल्ले से जारी है. जानकारी ये भी है कि जिला अस्पताल में पदस्थ सरकारी डॉक्टर ऐसे निजी हॉस्पिटल में आकर प्रेक्टिस और ऑपरेशन कर रहे है और बेवजह लोगों को रेफर कर निजी अस्पताल का रुख करवाते है. जिससे यह साफ जाहिर होता है कि जिले में भोले भाले लोगों से मोटी रकम ऐंठकर उनकी स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का गोरखधंधा खूब फलफूल रहा है.

बड़ी बात यह है कि इस पर लगाम लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग नाकाम साबित हो रही है. मानों उनको इंतजार है की यह अवैध क्लिनिक किसी की मौत का कारण बने. उसके बाद ही कार्रवाई करने के कदम उठाएंगे. समय रहते ऐसे अस्पतालों पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाले समय में ऐसी स्थिति देखने को भी मिल जाएगी.