रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन के परिणाम अब दिखने लगे हैं। इस पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए उठाए गए त्वरित कदमों से रोजाना सैंपल जांच की क्षमता में लगातार वृद्धि हो रही है। वहीं कोविड-19 पीड़ितों के इलाज के लिए स्थापित विशेषीकृत अस्पतालों में त्वरित इलाज से रोज बड़ी संख्या में मरीज स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में कोविड-19 मरीजों की रिकवरी दर सभी पड़ोसी राज्यों से बेहतर है। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदेश सबसे अच्छे रिकवरी दर वालों राज्यों में शामिल है। यहां 70.2 प्रतिशत मरीज ठीक हो गए हैं। वहीं महाराष्ट्र में यह दर 54.81 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 68.85 प्रतिशत, बिहार में 64.36 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश में 49.94 प्रतिशत, तेलंगाना में 67.55 प्रतिशत, ओड़िशा में 67.84 प्रतिशत और झारखंड में 50.57 प्रतिशत है। प्रदेश में अभी तक कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए 5246 में से 3658 मरीज स्वस्थ हो गए हैं।

मृत्यु दर के मामले में भी छत्तीसगढ़ पड़ोसी राज्यों से बेहतर है। यहां मृत्यु दर का प्रतिशत केवल 0.48 है। वहीं पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में यह दर 3.91 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 3.31 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश में 1.31 प्रतिशत, तेलंगाना में 0.95 प्रतिशत, ओड़िशा में 0.67 प्रतिशत, बिहार में 0.74 प्रतिशत और झारखंड में 0.9 प्रतिशत है।

कोविड-19 के संभावित प्रसार को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रदेश में फरवरी माह के शुरूआत में ही इस पर नियंत्रण और रोकथाम की तैयारी शुरू कर दी गई थी। कोरोना वायरस जांच की सुविधा प्रारंभ में केवल एम्स रायपुर में थी। जगदलपुर, रायपुर और रायगढ़ के शासकीय मेडिकल कॉलेजों में उच्च स्तरीय लैब तैयार कर कोविड-19 की आरटीपीसीआर जांच सुविधा का विस्तार किया गया है। प्रदेश में 13 जगहों पर ट्रू-नाट विधि से सैंपलों की जांच की जा रही है। साथ ही सभी जिलों में रैपिड एंटीजन किट से भी सैंपलों की जांच हो रही है। अभी रोजाना करीब पांच हजार सैंपलों की जांच की जा रही है। आगामी कुछ दिनों में इसे दस हजार तक बढ़ाने का लक्ष्य है।

स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने बताया कि प्रदेश के तीन मेडिकल कॉलेजों राजनांदगांव, बिलासपुर और अंबिकापुर के आरटीपीसीआर लैब में अगले आठ-दस दिनों में जांच शुरू हो जाएगी। साथ ही 20 नई जगहों पर आगामी दो हफ्तों में ट्रू-नाट मशीनों से भी सैंपल जांच का काम शुरू हो जाएगा। जांच का दायरा बढ़ाने पूल-टेस्टिंग भी की जा रही है। अभी तक प्रदेश में दो लाख 38 हजार 890 लोगों के सैंपल की जांच की जा चुकी है। पॉजिटिव पाए गए 5246 लोगों में से 3658 के ठीक हो जाने के बाद अभी सक्रिय मरीजों की संख्या 1564 है।

प्रदेश के आठ क्षेत्रीय और 22 जिला स्तरीय अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई है। इन अस्पतालों में 3384 लोगों का उपचार किया जा सकता है। इनमें 479 वेंटिलेटर्स के साथ 741 आईसीयू और एचडीयू (High Dependency Unit) बिस्तरों की भी व्यवस्था है। इन अस्पतालों के साथ ही 138 कोविड केयर सेंटर भी बनाए गए हैं जहां 8736 लोगों को रखा जा सकता है। सभी कोविड अस्पतालों में एन-95 मास्क, पीपीई किट, ट्रिपल लेयर मास्क, वीटीएम और जरूरी दवाईयों के पर्याप्त संख्या में इंतजाम सुनिश्चित किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव स्टेट कोविड कंट्रोल एंड कमाड सेंटर के माध्यम से जांच और इलाज की व्यवस्थाओं की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। विभाग द्वारा प्रदेश भर में संचालित 166 क्वारेंटाइन सेंटर्स में भी 4301 बिस्तर हैं। प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों की वापसी को देखते हुए ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में भी करीब 21 हजार क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं।