रायपुर. दिवाली के दिन हर वर्ष वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण में लगातार इजाफा एक चिंता का विषय बन चुका था. इस बीच इस साल रायपुरवासियों के लिए एक राहत की खबर है. दरअसल इस साल दिवाली में पिछले साल की तुलना में वायु प्रदूषण में 27% और ध्वनि प्रदूषण में 7% की कमी दर्ज की गई है. छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने आज यह रिपोर्ट जारी किया है. साथ ही मंडल ने इस उपलब्धि के लिए ‘नो पटाखा’ अभियान की जमकर तारीफ भी की है.
मंडल ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि दिवाली में पिछले वर्ष की अपेक्षा रायपुर में वायु प्रदूषण में 27% और ध्वनि प्रदूषण में 7% की कमी दर्ज की गई है. शहर की वायु गुणवत्ता जन जागरूकता अभियान एवं आम जनता के सहयोग से सुधरी है. रायपुर शहरवासियों के लिए इस साल दिवाली की रात सुकून भरी रही. विदित हो की प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने दीपावली के अवसर पर विदेशी पटाखों का बहिष्कार करने तथा पटाखों के संबंध में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करने की अपील भी की थी. प्रदेश के पर्यावरण मंत्री राजेश मूणत द्वारा दीपावली के लिए दिन वायु एवं ध्वनि प्रदूषण में कमी लाए जाने के लिए सभी उपाय के निर्देश दिए गए थे.
इसी क्रम में पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव एवं पर्यावरण मंडल के अध्यक्ष अमन सिंह द्वारा रायपुर के प्रदूषण को कम किए जाने पर एक समीक्षा बैठक लेकर रायपुर सहित प्रदेश भर में आम जनता विशेषकर स्कूली बच्चों को शामिल करते हुए ‘नो पटाखा’ अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए. ‘नो पटाखा’ पर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल एवं जिला प्रशासन रायपुर द्वारा जगह-जगह जन जागरूकता अभियान चलाए गए जिसमें आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित की गई. इसका परिणाम कम वायु प्रदूषण के रूप में सामने आया.
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के विशेषज्ञों के द्वारा की गई मॉनिटरिंग के अनुसार दिवाली के दिन रायपुर में इस वर्ष अवसर परिवेशीय वायु गुणवत्ता पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 20% कम होकर 82.04 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पाई गई. वर्ष 2016 में 104.3 थी. इसी प्रकार सल्फर डाइऑक्साइड गैस का स्तर लगभग 19 प्रतिशत कम होकर 21.3 तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड गैस का स्तर लगभग 24% कम होकर 30.91 पाया गया. जबकि वर्ष 2016 में सल्फर डाइऑक्साइड का स्तर 26.4 एवं नाइट्रोजन ऑक्साइड गैस का स्तर 40.56 पाया गया था. दिवाली के दिन रायपुर में इस वर्ष औसत ध्वनि की तीव्रता पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 7% कम होकर 91.3 डेसीबल पाई गई. वर्ष 2016 में यह 97.2 डेसीबल थी.
अमन सिंह ने इसका श्रेय आम जनता को देते हुए कहा कि जन सहयोग मिलने के कारण ही प्रदूषण के स्तर में कमी आई है. यह उपलब्धि बिना जन जागरूकता एवं जन भागीदारी के संभव नहीं है. अमन सिंह ने भविष्य में भी अपने शहर के स्वच्छ पर्यावरण के लिए आम जनता से इसी प्रकार जागरुक रहने हुए रहते हुए सहयोग की अपेक्षा की है.