बस्तर। नक्सली रमन्ना की मौत के बाद नक्सल संगठन में उसके पद पर नियुक्ति को लेकर जदोजहद चल रही है. अबूझमाड़ के जंगलों से यह खबर सामने आई है कि हाल ही में नक्सलियों के बड़े लीडर्स की एक बैठक हुई थी. बैठक में नक्सल गतिविधियों को चलाने के अलावा दंडकारण्य जोनल कमेटी में होने वाली नई नियुक्तियों के लिए भी महत्वपूर्ण चर्चा हुई है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नक्सली प्रवक्ता रहे किशनजी की पत्नी सुजाता को अंतरिम तौर पर दंडकारण्य जोनल कमेटी का सेक्रेटरी बनाने पर सहमति बनी है. इसके अलावा अब नक्सली दंडकारण्य जोनल कमेटी की कमान दो लोगों के हाथों में देने के पुराने फार्मूले पर वापस आ रहे हैं. दरअसल नक्सलियों की जोनल कमेटी के तत्कालीन सेक्रेटरी रमन्ना की मौत के बाद से ये पद करीब 8 महीने से खाली था. जिस पर अब सुजाता की नियुक्ति लगभग तय मानी जा रही है.

सूत्रों से ये भी खबर है कि 2013-14 तक दंडकारण्य जोनल कमेटी के संचालन के लिए जोनल प्रभारी और सेक्रेटरी वाली व्यवस्था थी. जब यह व्यवस्था खत्म की गई, तब कोसा प्रभारी और रमन्ना सेक्रेटरी था. इसके बाद जोनल सेक्रेटरी को ही सारे अधिकार दिए गए थे. लेकिन हाल ही में अबूझमाड़ में हुई बैठक के बाद पुरानी व्यवस्था को फिर से शुरू किया जा रहा है. हालांकि अभी अबूझमाड़ की बैठक में नक्सलियों ने जो निर्णय लिया है उसकी अधिकृत घोषणा नहीं की गई है. लेकिन माना जा रहा है कि दो-चार दिनों में अधिकृत घोषणा कर दी जाएगी. अभी दंडकारण्य जोनल कमेटी का प्रभारी सचिव सीसी मेंबर कड़तम सुदर्शन उर्फ एलियास को बनाया गया है.

सुजाता का नाम लाल गलियारों में काफी पुराना है. सुजाता नक्सली प्रवक्ता रह चुके किशनजी की पत्नी है. पश्चिम बंगाल में किशनजी के मारे जाने के बाद सुजाता ने बस्तर का रुख किया था. वर्तमान में सुजाता दक्षिण बस्तर डिवीजनल कमेटी की प्रभारी है और दंडकारण्य जोनल कमेटी की सदस्य भी है. सुजाता लंबे समय से बस्तर में रह रही है और नक्सल गतिविधियों का संचालन कर रही है. अभी वह लोगों से सीधे जुड़ी हुई है. सुजाता की पकड़ हिंदी, अंग्रेजी, तेलगु के साथ-साथ गोंडी भाषा में भी हैं. सुजाता नक्सलियों के उन चुनिंदा नेताओं में से है, जो रमन्ना की मौत के बाद अंतिम संस्कार में भी शामिल हुई थी.