विप्लव गुप्ता पेंड्रा। मरवाही उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन इसके पहले राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. ताजा घटनाक्रम में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह ने कांग्रेस और भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों को मरवाही से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने इस चुनौती पर फैसला पार्टी पर छोड़ दिया है.

मरवाही उपचुनाव में राजनीतिक दल अपने-अपने कार्यकर्ताओं को जोड़ने सेक्टर प्रभारियों की बैठक मंडल बूथ सदस्यों को जोड़ने बैठक कर रहे हैं. ऐसे में राजनीतिक दल के नेता भी एक-दूसरे को चुनौती देने से भी नहीं चूक रहे हैं. छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के विधायक दल की नेता व लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ने सोमवार को बड़ा बयान देकर मरवाही उपचुनाव को रोचक बनाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि हमने अमित जोगी को अपना प्रत्याशी बनाया है, क्योंकि यह सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये आरक्षित है. ऐसे में दोनों राष्ट्रीय दलों के प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस से मोहन मरकाम एवं भारतीय जनता पार्टी से विष्णु देव साय को प्रत्याशी बनकर उतरना चाहिए. मैं उन्हें चुनौती देता हूँ वे मरवाही से आकर चुनाव लड़े मजा आएगा.

धर्मजीत सिंह की यह चुनौती जरूर काल्पनिक सी लगती है, परंतु ऐसा पहले हो चुका है. वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में नंद कुमार साय को आम चुनाव में चुनौती देकर एक तरह से सक्रिय राजनीति से सन्यास दिला दी थी, क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की बैठक लेने की मौजूद थे. इस चुनौती पर जब मीडिया ने भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय से सवाल किया तो वे पहले सकते में आ गए, फिर सम्हलते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्याशी चयन की एक प्रक्रिया होती है. पार्टी फोरम पर निर्णय लिए जाते हैं, फिर भी अगर पार्टी निर्णय लेगी तो शिरोधार्य है.