सत्यपाल सिंह,रायपुर। प्रदेश में जैसे-जैसे कोरोना मरीज की संख्या बढ़ती जा रही है. वैसे ही सोशल मीडिया में उपचार और रोकथाम के नुख्से से भरा पड़ा है. तरह-तरह की बातें वायरल भी हो रही है. जिसे लोग भरोसा कर घर में ही बिना डॉक्टरी सलाह के अपनाने लगते है. ऐसे में वो अपने ठीक होने का अहम पल खोने लगते हैं और खतरे के करीब पहुंच जाते है.

लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत करते हुए पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ चिकित्सक एंव डॉ भीमराव अंबेडकर स्मृति अस्पताल में पदस्थ डॉ आर के पांडा ने बताया कि लोगों को सर्दी, खांसी या बुखार के लक्षण आने पर डॉक्टर के पास जाने या कोरोना की जांच कराने से नहीं डरना चाहिए. सामान्य सर्दी, खांसी है अपने आप ठीक हो जाएगी. ऐसा सोच कर इलाज नहीं कराने से वे अपने-अपने परिजनों की जान खतरे में डालते हैं.

डॉ. आर के पांडा ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि यदि लक्षण आने के तीन दिनों के अंदर कोरोना जांच करवा के दवाईयां ली जाएं, तो मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है. उनका मानना है कि जांच कराने से बिल्कुल नहीं डरना चाहिए. अस्पतालों में जांच और उसके परिणाम आईसीएमआर द्वारा निर्धारित प्रोटोकाल के तहत किए जा रहे हैं और पूरी तरह विश्वसनीय है. लेकिन कोरोना वायरस से सतर्क रहना चाहिए. सतर्कता के उपाय भी सरल हैं. मास्क लगाएं जब भी बाहर जाएं, भीड़ से बचें.