धमतरी। जहां तक हमने सुना है कि जीएसटी की दरें सिर्फ खरीदी ब्रिकी या फिर आयात निर्यात सहित व्यवसाय शुरू करने या बंद करने के लिए माल और सेवाओं की आपूर्ति पर लागू की जाती है. लेकिन धमतरी में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक मनरेगा मजदूर के भुगतान की ही राशि में एक्सिस बैंक शाखा धमतरी ने जीएसटी लगाकर कटौती कर दी है. वही कटौती की जानकारी होने पर मनरेगा मजदूर के पिता जगदीश साहू ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से किया है.
दरअसल भानपुरी के रहने वाले रेवाराम ने 4 साल पहले मनरेगा के तहत दो सप्ताह मेट काम किया था. जिसका भुगतान उनके खातों में किया गया. वही मजदूरी भुगतान के लिए भटक रहे रेवाराम को जब इसकी जानकारी मिली तो वो एटीएम पैसे निकालने पहुंचा. लेकिन एटीएम से पैसे नहीं निकला. जिसके बाद मजदूर ने बैंक के कर्मचारियों से संपर्क किया. जहां उन्हें बताया गया कि उनका खाता लेनदेन नहीं होने की वजह से बंद कर दिया गया है.जिसके बाद मजदूर को बैंक के कर्मचारियों ने आवश्यक दस्तावेज जमा कराने की बात कहीं. लेकिन दस्तावेज उपलब्ध कराने के बावजूद मजदूर को पैसा नही मिला. बैंक के चक्कर काट रहे मजदूर उस वक्त हैरान रह गया, जब उसे पता चला की मनरेगा के तहत उसे मिलने वाली मजदूरी की राशि में दो बार जीएसटी काट दिया गया.
मनरेगा मजदूर को न्याय दिलाने पहुंचे पीसीसी सचिव आनंद पवार का कहना है कि सरकार मनरेगा के प्रति असंवेदनशील है. टूटी फुटी तंत्र व्यवस्था के चलते मनरेगा व्यवस्था चरमरा गई है. उन्होने कहा कि जीएसटी गब्बर सिंह टैक्स है. जिससे पहले व्यापारी और अब मजदूर परेशान हो रहे है.
फिलहाल अपर कलेक्टर के.आर.ओगरे ने मजदूर की शिकायत पर लीड बैंक मैनेजर से बातचीत की और मामले का निराकरण करने की निर्देश दिए है. वही शनिवार बैंक बंद होने की वजह से मजदूर के मामले का निराकरण नहीं हो सका है.