रायपुर। भाजपा ने प्रदेश सरकार पर किसानों का धान कम खरीदने के लिए रकबा घटाने का गंभीर आरोप लगाया है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि किसानों की उपज को बेचने में कोई दिक्कत न हो ये सरकार देखे। गिरदावली के जरिये सरकार किसानों के रकबे को कम करना चाहती है। सरकार की नियत ठीक नहीं लग रही। कम धान खरीदना पड़े इसलिए ये सरकार रकबे को घटाने में लगी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी मांग करती है कि दो सालों का बकाया बोनस सरकार दे। हर विकासखंड में बीजेपी धरने का आयोजन करेगी। ज्ञापन तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा।

शिवरतन शर्मा ने कहा कि कस्टम मिलिंग के धान के एवज में सरकार 67 किलो चावल लेती है. केंद्र सरकार 60 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदेगी। 90 लाख मीट्रिक टन धान की जरूरत होगी। पिछले साल सरकार ने 83 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा था। उन्होंने कहा कि सरकार से हमारी मांग है कि 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदे। अक्टूबर महीने में पूरे धान की कटाई हो जाएगी। छत्तीसगढ़ के किसान हार्वेस्टर से कटाई करते हैं। खेत में ही मिसाई हो जाती है। एक महीने धान को संभलकर रखना मुश्किल हो जाता है।

शिवरतन ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार एक नवम्बर से धान खरीदी शुरू करे। – कृषि विधेयक के विरोध में कांग्रेस ने देश में किसान विरोधी बिल बताने का प्रयास किया है। इस बिल में किसानों के लिए दो महत्वपूर्ण बातें है। किसान अपनी फसल देश में कहीं भी बेच सकेगा। किसानों को उसकी उपज का 72 घण्टो में पैसा मिल जाएगा।

उन्होंने कहा कि पिछले साल छत्तीसगढ़ में जो धान खरीदा गया उसमें भी किसानों को दो क़िस्त मिलना बाकी है। हमारी मांग है कि सरकार दो बाकी किस्तों के साथ-साथ अगली खरीदी में 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी कर एकमुश्त राशि दे। किसानों को दो साल का बोनस देने का वादा कांग्रेस ने चुनाव के वक़्त किया था, लेकिन अब तक यह राशि नहीं दी। प्रदेश में गिरदावली के नाम पर नाटक हुआ है। कुछ गांव में गिरदावली का प्रकाशन नहीं हुआ है। नोटिफिकेशन गांवों में नहीं लगाया गया। किसानों को धोखा दिया जा रहा है। किसानों की बोई हुई फसल के रकबे को घटाने का काम सरकार कर रही है।

2019-2020 में सरकार ने धान खरीदी की थी, तब किसानों को कड़वा अनुभव मिला। किसान किसी किराए की गाड़ी में धान मंडी में बेचने जा रहा है तो उसे जप्त किया गया। लाखों क्विंटल धान जप्त किया गया था। किसानों को जो परेशानी पिछले साल हुई वह इस साल न हो। किसान इस सरकार में तकलीफ में है। दुर्ग जिले के किसान दुर्गेश प्रसाद ने आत्महत्या की। प्रदेश के मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, गृहमंत्री इस जिले से है। जिस जिले से चार-चार मंत्री आते हो, वहां नकली खाद और नकली दवा से किसान आत्महत्या करता हो, यह बताता है कि सरकार की लापरवाही है। नकली खाद-बीज को सरकार संरक्षण दे रही है। हमारी मांग है कि सरकार मृत किसान के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा दे