रायपुर। राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश में रेत की आपूर्ति सुचारू हो रही है. रेत की कीमतें अधिकांश जिलों में वर्षा ऋतु के पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर रेत की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए खनिज विभाग द्वारा इस वर्ष विशेष प्रयास करते हुए प्रदेश में कुल 107 रेत भण्डारण अनुज्ञा स्वीकृत की गई है. साथ ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में रेत के अवैध उत्खनन करने वालों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए उनके विरूद्ध प्रकरण दर्ज किए गए और जुर्माना की राशि वसूल की गई. खनिज विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूरे प्रदेश में अवैध उत्खनन के 37 प्रकरण, अवैध परिवहन के एक हजार 726 प्रकरण और अवैध भण्डारण के 26 प्रकरण दर्ज करते हुए संबंधितों से 2 करोड़ 7 लाख 49 हजार 89 रूपए समझौता राशि की वसूली भी की गई है.

गौरतलब है कि वर्तमान में प्रदेश में कुल 319 रेत खदानों में निविदा जारी की गई है. कुल 210 रेत खदानों में पर्यावरण सम्मति प्राप्त होने पश्चात अनुबंध के बाद ये खदानें संचालित की जा रही हैं. शेष रेत खदानों में पर्यावरण सम्मति प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. वर्तमान समय में प्रदेश के सभी जिलों में रेत खदान आबंटन के लिए निविदा जारी की जा चुकी है. वर्तमान में भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी गाईडलाईन अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य के लिए 10 जून से 15 अक्टूबर तक वर्षाऋतु में रेत खनन को प्रतिबंधित किया गया था.

वर्षाऋतु के पूर्व प्रदेश में रेत का औसतन मूल्य 5000-7000 रूपए प्रति हाईवा (10 घनमीटर) था. वर्षाऋतु के दौरान प्रदेश में प्रतिवर्ष रेत के मूल्य में बढ़ोत्तरी होती है, इस दौरान रेत की सुचारू आपूर्ति किये जाने के लिए इस वर्ष खनिज विभाग द्वारा विशेष प्रयास कर प्रदेश में कुल 107 रेत भंडारण अनुज्ञा स्वीकृत किया गया. चूंकि भण्डारण अनुज्ञप्ति क्षेत्र में सीमित भण्डारण क्षमता होने के कारण रेत की कीमतों में आंशिक वृद्धि देखी गई है. वर्षाकाल पश्चात अधिकतर जिलों के कई रेत खदानों में वर्तमान में पानी भरा हुआ है और कई रेत खदानों में रैम्प, पहुंच मार्ग मरम्मत का कार्य भी किया जा रहा है. इन रेत खदानों में आगामी दिनों में लोडिंग और परिवहन का कार्य आरंभ हो जाएगा जिससे मूल्य में और कमी आने की संभावना है.

वर्षा ऋतु के पूर्व और वर्षा ऋतु के दौरान विभिन्न जिलों में रेत के मूल्यों की तुलनात्मक जानकारी निम्नानुसार है. वर्षा ऋतु के पूर्व रायपुर जिले में रेत का मूल्य 8000 रूपए से 9000 रूपए था. वर्षा ऋतु में बढ़कर 16000 से 17000 रूपए हो गया था. वर्तमान में यह घटकर 9000 से 9500 रूपए हो गया है. रैम्प निर्माण और पहुंच मार्ग मरम्मत के बाद रेत की कीमत 7000 से 8000 रूपए संभावित है. इसी तरह बिलासपुर जिले में वर्षा ऋतु के पूर्व 5000 रूपए से 6000 रूपए था. वर्षा ऋतु में बढ़कर 10000 से 12000 रूपए हो गया था. वर्तमान में यह घटकर 7000 से 8000 रूपए हो गया है और रैम्प निर्माण,पहुंच मार्ग मरम्मत के बाद रेत की कीमत 5000 से 7000 रूपए संभावित है.

बस्तर जिले में वर्षा ऋतु के पूर्व 5000 रूपए से 6000 रूपए था. वर्षा ऋतु में बढ़कर 7000 से 8000 रूपए हो गया था. रैम्प निर्माण, पहुंच मार्ग मरम्मत के बाद रेत की कीमत 4000 से 5000 रूपए संभावित है. राजनांदगांव जिले में वर्षा ऋतु के पूर्व 7000 रूपए से 8000 रूपए था. वर्षा ऋतु में बढ़कर 9000 से 10000 रूपए हो गया था. वर्तमान में यह घटकर 8000 से 9000 रूपए हो गया है रैम्प निर्माण,पहुंच मार्ग मरम्मत के बाद रेत की कीमत 7000 से 8000 रूपए संभावित है. इसी तरह जांजगीर-चांपा जिले में वर्षा ऋतु के पूर्व 5000 रूपए से 7000 रूपए था. वर्षा ऋतु में बढ़कर 9000 से 10000 रूपए हो गया था। वर्तमान में यह घटकर 4500 से 7000 रूपए हो गया है. रैम्प निर्माण,पहुंच मार्ग मरम्मत के बाद  रेत की कीमत 4000 से 5000 रूपए संभावित है.