कोरोनाकाल के बीच अब त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है, बाजारों में फिर से रौनक लौटने लगी है. इसी बीच कल पूरे देश में दशहरा मनाया जाएगा. अश्विन महीने के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. दशहरा तिथि विजय मुहूर्त वाली होती है, इसलिए इस तिथि को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है. इस बार दशहरा 25 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. इस बार नवमी और दशहरा एक ही दिन मनाए जा रहे हैं. सुबह 11:14 तक नवमी के कार्य पूर्ण होंगे, उसके बाद दशहरा पर्व शुरू हो जाएगा.
इस बार दशहरा की तिथि पर किसी भी वस्तु की खरीददारी समृद्धिदायक रहेगी. ज्योतिष विज्ञान के मुताबिक 25 अक्टूबर को पुष्य योग बन रहा है, रविवार होने के कारण रविपुष्य योग भी बन रहा है. इस बार दशहरे के दिन रवि पुष्य नक्षत्र सुबह 6:20 से रात को 1.20 तक रहेगा.
कहा जाता है कि इस मुहूर्त में खरीददारी से सुख समृद्धि बढ़ती है. दरअसल लंकापति रावण का वध कर भगवान राम ने दशहरे के दिन ही बुराई पर विजय हासिल की थी, इसलिए विजयदशमी के दिन को अबूझ मुहूर्त माना गया है. इसके साथ ही इस दिन लोग बच्चों का अक्षर लेखन, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्ण छेदन और भूमि पूजन आदि कार्य शुभ भी करवाते हैं.