रायपुर। जेसीसी-जे विधायक प्रमोद शर्मा के बाद अब खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी पर जमकर हमला बोला है. देवव्रत सिंह ने कहा कि अमित जोगी की पार्टी वन-मैन पार्टी है. कोई संवैधानिक व्यवस्था नहीं है, ना ही पार्टी को कोई मान्यता प्राप्त हुई है, जैसा उन्हें लगता है वो करते रहें. अमित जोगी को बीजेपी का प्रेम ले डूबा है. खैरागढ़ विधानसभा में उनका स्वागत है, वो आए और हस्ताक्षर अभियान करा लें.
विधायक देवव्रत सिंह ने कहा कि अमित जोगी 2016 में कांग्रेस के विधायक थे और 2018 तक जगह-जगह घूमकर कांग्रेस का विरोध करते रहे. उसके बाद खुद की पार्टी बनाई और सभी पद उन्होंने ले लिए. आज वो हमें नैतिकता का पाठ क्यों पढ़ा रहे हैं ? उन्होंने अमित जोगी का स्वागत करते हुए कहा कि वो खैरागढ़ विधानसभा आए और जितना हस्ताक्षर अभियान चलाना है, चला लें. देवव्रत ने उन्हें याद दिलाया कि केवल नगर पालिका और नगर पंचायत में राइट-टू-रिकॉल का अधिकार है. जिसमें हस्ताक्षर अभियान के तहत दोबारा मतदान कर व्यक्ति को पद से हटाया जा सकता है. विधानसभा और लोकसभा में राइट-टू-रिकॉल का प्रावधान नहीं है.
अमित जोगी को पहले संविधानिक सिस्टम को समझना चाहिए. कार्यकर्ताओं ने हमें निर्वाचित कर भेजा है और 5 साल तक हम काम करेंगे. मुझे लगता है उनके दिमाग में बहुत सारा भ्रम है. उन भ्रम से उन्हें बाहर निकलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अजीत जोगी की विरासत अमित जोगी की मिली थी, लेकिन उस विरासत को उन्होंने लगभग खत्म कर दिया है. बेहतर यही होगा अच्छी सोच के साथ काम करें.
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देवव्रत ने कहा कि हम अभी किसी प्रकार का दल बदल नहीं कर रहे हैं, लेकिन जितनी बातें अमित जोगी कह रहे हैं, उन्हें बोलने से पहले एक बार सोचना चाहिए. उसके बाद मीडिया में कहना चाहिए. वो जो हमें बोल रहे हैं उन्हें पहले खुद आत्म अवलोकन करना चाहिए कि आज वो किस स्थिति में खड़े हैं. मरवाही में 38 हजार वोट से हार मिली है, यह उनके गाल में कड़ा तमाचा है. जबकि उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की जमानत जब्त हो जाएगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी का जो प्रेम है, उसी ने इस पार्टी को आज ले डूबा है. पार्टी में आज कोई कार्यकर्ता या नेता नहीं बचा है.
बता दें कि सोमवार को जेसीसी-जे प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कल कोर कमेटी का पुर्नगठन कर कई निर्णय लिए थे. जिसमें खैरागढ़ और बलौदाबाजार विधायक इस्तीफा दो का हस्ताक्षर अभियान चलाने की बात कही थी. इससे पहले मरवाही विधानसभा उपचुनाव के दौरान जेसीसी-जे ने बीजेपी को अपना समर्थन दे दिया था, लेकिन खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह और बलौदाबाजार विधायक प्रमोद शर्मा ने इस पर सहमति नहीं जताई थी. बल्कि वो इसके इतर जाकर कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया था.