राजिम। छत्तीसगढ़ में जंगली हाथियों का आतंक लगातार जारी है. प्रदेश के कई जिले हाथी प्रभावित हैं जहां हाथियों के उत्पात पर लगाम लगा पाने में वन विभाग और सरकार नाकामयाब साबित हो रही है. जिसकी वजह से न सिर्फ लोगों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है बल्कि हाथियों के हमले में कई लोगों की मौतें तक हो चुकी है. ताजा मामला महासमुंद जिले के छुरा का है. यहां एक ग्रामीण हाथियों का शिकार बन गया. हाथी ने कृषक की कुचल कर मार डाला. कृषक के शरीर के कई टुकड़े खेत में बिखरे मिले.
घने जंगलो से घिरे छुरा क्षेत्र में तकरीबन 7 जंगली हाथियों का झुण्ड पहुंचा था. हाथियों के पहुंचने से ग्रामीणों काफी दहशत में जी रहे हैं. हाथियों के आने की सूचना पर वन विभाग का अमला और प्रशासन अपने दल-बल के साथ मौके पर मुस्तैद होकर क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया था.
हाथियों का झुण्ड जंगल के रास्ते ओड़िसा की ओर बढ़ा और ओड़िसा सीमा पर बसे ग्राम पंचायत केंवटीझर के आश्रित ग्राम अंजोराडीही पहुंचा. जहां थूहापानी के कृषक शुरुसिंग जो की देर शाम अपने खेत में लगी फसल की रखवाली करने गया था. उसे हाथियों ने अपना शिकार बनाया और खेत ही कुचल-कुचल कर मार डाला. उसकी शरीर के कई टुकड़े खेत में बिखरे मिले.
किसान की मौत के बाद पूरा गांव दहशत में है. हाथियों की वजह से सहमे ग्रामीण अपने घर से निकलने से डर रहे हैं. ग्रामीणों के अनुसार शुरुसिंग बेहद ही गरीब किसान था. उसके 3 बच्चे हैं, उसकी मौत के बाद अब उसका परिवार असहाय हो चुका है. हालांकि किसान के अंतिम संस्कार के लिए वन विभाग ने 10 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की है वहीं 4 लाख रुपए मुआवजा देने का आश्वासन भी दिया है. बताया जा रहा है कि सारबोंग में हाथियों ने एक और जान ली है. छुरा रेंजर के अनुसार अभी खतरा टला नहीं है हाथियों का झुण्ड बेहद आक्रामक हो चुका है, वे कभी भी वापस आ सकता हैं. इस लिहाज से सीमावर्ती इलाकों में अलर्ट जारी कर चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है.