धीरज दुबे, कोरबा। जिले में हाथियों का आतंक दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है. कोरबा वन परिक्षेत्र में हाथियों के उत्पात से लोग दहशत में हैं. पिछले कुछ सालों में हाथियों के कारण कई लोगों की जानें गई हैं, वहीं हजारों एकड़ फसल भी बर्बाद हुई है.
रिहायशी इलाके की ओर हाथियों का झुंड रवाना
मंगलवार शाम भुलसीडीह के जंगल में डेरा जमाए हाथियों के एक दल ने रिहायशी इलाके की ओर कूच कर दिया है. ये जानकारी मिलते ही वन विभाग तुरंत हरकत में आ गया है. वनकर्मियों को रिहायशी इलाके की ओर जाने वाले रास्तों में तैनात किया गया है, ताकि इधर आने से हाथियों को रोका जा सके.
बताया जा रहा है कि 70 हाथियों का दल भुलसीडीह के जंगलों से निकलकर रजगामार की ओर रवाना हुआ है, इसमें हाथियों के 5 बच्चे भी हैं. आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि लोगों में कितनी दहशत होगी और जान-माल को कितना नुकसान पहुंच सकता है.
फसलों को भारी नुकसान
वहीं कोरबा वन परिक्षेत्र से सटे गांवों में हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है और लगातार फसलों को रौंद रहा है. इधर हाथियों को खदेड़ने में वन अमला नाकाम साबित हुआ है. भुलसीडीह में हाथियों ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. अब किसान फसल की कटाई करने से भी डर रहे हैं, जबकि फसल पक चुकी है और कई जगह पर फसलों की कटाई का काम शुरू भी हो चुका है.
पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि हाथियों के आतंक को देखते हुए वन विभाग फसल की कटाई के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था भी मुहैया कराता है.
चूंकि ग्रामीणों के अधिकांश खेत जंगल से लगे हुए हैं. इधर जंगलों में हाथी विचरण कर रहे हैं. जो भोजन की तलाश में कभी भी खेतों की ओर रूख कर सकते हैं, ऐसे में किसानों में दहशत का माहौल है. वहीं भुलसीडीह और आसपास के इलाकों में लोग पिकनिक के लिए पहुंचते हैं, इसलिए उनकी जान को भी खतरा बना हुआ है.
उत्तर क्षेत्र, वन मंडल कोरबा के एसडीओ संजय लूथर के मुताबिक, कोरबा, करतला, कुदमुरा रेंज में कुल 150 हाथियों का दल घूम रहा है. किसान हाथियों के डर से रतजगा करने को मजबूर हैं.