रायपुर. जीएसटी अधिकारी यू तो व्यापारियों के पाई-पाई का हिसाब रखने के लिए जाने जाते है. लेकिन जब बारी खुद के टैक्स पटाने और ईमानदारी से टैक्स अदा करने की आती है तो वो सारे नियम कायदे भूल जाते है.

हम बात कर रहे है बिलासपुर के जीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर आलोक जायसवाल की. इस अधिकारी ने पहले तो बिना अनुमित लिए कोचिंग पढ़ाई. इतना ही नहीं उन्होंने फ्री कोचिंग पढ़ाने के एवज में करीब 1 करोड़ रुपए की फीस अपने भतीजे के बैंक खाते में जमा करवाई.

देखिए फ्री कोचिंग की असली हकीकत…

इस मामले में जीएसटी विभाग भी सवालों के घेरे में है. क्योंकि इस मामले की शिकायत विभाग से महीनों पहले की गई. लेकिन बावजूद इसके विभाग ने इसकी जांच शुरू नहीं की. अब जब मामला मीडिया की सुर्खियों में आ गया है तो अधिकारी नियम खंगालने और पूरे मामली की जांच करने की बात कह रहे है.

जीएसटी अधिकारी आलोक जायसवाल बिलासपुर के दो कोचिंग जायसवाल कोचिंग और टेकलाइट कोचिंग से जुड़े हुए है. जिसमें से जायसवाल कोचिंग उनके भतीजे मयंक जासवाल की है और लॉकडाउन में उन्होंने एसीएफ की ऑन लाइन कोचिंग में प्रत्येक छात्र से 15-15 हजार रुपए भतीजे के खाते में जमा करवाएं और करीब 800-900 छात्रों ने कोचिंग में पढ़ाई की.

मेरे पास कोई शिकायत नहीं आई है. यदि वीडियो आया है तो सर्विस रूल पता कर लेती हूं. यदि ऑफिस के वक्त में यदि वे कोचिंग ले रहे है तो वो गलत है और यदि अनुमति लेकर वे जनकल्याण के लिए कोचिंग लेते है तो भी जानकारी ले लेती हूं. इस मामले की जांच जरूर होगी.

रानू साहू, जीएसटी कमिश्नर, छत्तीसगढ़

इस मामले में असिस्टेंट कमिश्नर आलोक जायसवाल का कहना है कि- मैं एक सरकारी कर्मचारी हूं और इस मामले में मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि एसीएफ की परीक्षा देने वाले बच्चों को उन्होंने फ्री में कोचिंग दी है. जिसके लिए उन्होंने बच्चों से किसी प्रकार का कोई भी शुल्क नहीं लिया है.