रायपुर। छत्तीसगढ़ में गांधी के पहले आंदोलन नहर सत्याग्रह के आज 100 साल पूरे हो गए. 20 दिसंबर 1920 को कंडेल में गांधी के नेतृत्व में किसानों ने नहर के पानी के लिए लगाए गए कर को पटाने से इनकार कर दिया था. इसकी 100वीं वर्षगांठ के मौके पर गांधी विचार फाउंडेशन और अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन ने कंडेल गांव में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया.
गांधी विचार फाउंडेशन ने यहां सर्वधर्म प्रार्थना सभा की. उसके बाद गांव के बुजर्गों ने नहर सत्याग्रह पर प्रकाश डाला. गुरुजी ने कंडेल सत्याग्रह को कविता के ज़रिए लोगों के सामने रखा. गांधीवादी विचारक गौतम बंधोपाध्याय ने कहा कि जिस तरह कंडेल में गांधी के नेतृत्व में एक गांव के किसानों ने नहर सत्याग्रह किया, उसी तरह आज सिंधु बॉर्डर पर किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर विक्रम सिंघल ने सिंधु बार्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन को गांधी के नहर सत्याग्रह जैसा ही बताया. इस मौके पर नहर सत्याग्रह पर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा बनाए गए डॉक्यूमेंट्री को प्रदर्शित किया. नहर सत्याग्रह की याद में गांव के बच्चों ने 51 दिए जलाए.
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला सरपंच नेताम ने की. इस मौके पर रायपुर से गौतम बंधोपाध्याय, विजय लक्ष्मी ठाकुर, एडवोकेट राजा शर्मा, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से पुरुषोत्तम ठाकुर और नवनीत शामिल थे. फाउंडेशन के बच्चों ने भाग लिया. इसके अलावा रिटायर शिक्षक जेआर साहू, नारायण साहू, रिटायर ग्राम सेवक, जेपी राम साहू, ज्योति भूषण श्रीवास्तव भी मौजूद रहे.