बिलासपुर। मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर छत्तीसगढ़ में दैनिक अखबार के संपादक के साथ सहित अनेक राज्यों में लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पुलिस ने भंड़ाफोड़ किया है. बिलासपुर पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक दिल्ली तो दो उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं.

जानकारी के अनुसार, कोनी निवासी अखबार तरुण पथ के संपादक तरुण साहू ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वर्ष 2018 में उन्होंने अपनी बेटी के हापुड स्थित मेडिकल कॉलेज में सेंट्रल पुल कोटा से एडमिशन कराने के नाम पर आरोपियों को रकम दी थी. उन्होंने 57,00,000 रुपए वहीं उनके परिचित भागवत साहू ने 15,00,000 रुपए और दीपक शर्मा से 10,00,000 रुपए कुल 82,00,000 रुपए दीपक चटर्जी के खाते में जमा कराया था. आरोपियों ने प्रार्थी और अन्य के बच्चों का न तो मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराया और न ही रकम दी. इस पर प्रार्थी ने धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई. 

पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल और एएसपी शहर उमेश कश्यप के निर्देश पर नोडल अधिकारी साइबर सेल निमेश बरैया और सीएसपी सरकण्डा निमिषा पाण्डेय ने साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक कलीम खान के नेतृत्व में उप निरीक्षक प्रभाकर तिवारी, सउनि शैलेन्द्र सिंह, सउनि अवधेश सिंह और अन्य स्टाफ की विशेष टीम गठित किया. संयुक्त टीम के द्वारा लगातार दिल्ली, बरेली, गाजीयाबाद, दिलशाद नगर व मुंबई, महाराष्ट्र में रैकी करने के बाद आरोपीगणों को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया.

मामले में दिल्ली निवासी 31 वर्षीय दीपक चटर्जी, गाजियाबाद, यूपी निवासी 33 वर्षीय डॉ. जिया उलहक रहमानी और बरेली, यूपी निवासी 34 वर्षीय प्रभुदीप सिंह उर्फ अरविंद सिंह को पकड़कर पूछताछ की, जिसमें उन्होंने अपराध करना स्वीकार किया. आरोपियों से ठगी से प्राप्त किए गए 5,00,000 रुपए नगद और पांच मोबाइल जब्त किया. 

अभिभावकों को दिखाते थे सब्जबाग

पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने कई राज्यों में लोगों को एमबीबीएस व अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिला दिलाने का झांसा देकर धोखाधड़ी की है. ये आलीशान होटलों में रूक कर अभिभावकों व छात्रो को सब्जबाग दिखाकर उनसे पैसे ठगते थे. इन्होंने अलग-अलग राज्यों के तकरीबन 100 से 150 लोगों के मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कर रखा है. अपने आपको महफूज रखते हुए इन्होंने अपनी पहचान छिपा रखी थी. बिलासपुर पुलिस काफी मशक्कत के बाद इन आरोपियों को पकड़ने के बाद उनके डीटेल व काले कारनामों से विभिन्न राज्यों की पुलिस को अवगत कराकर इनके विरूद्ध दर्ज अपराधिक प्रकरणों की जानकारी हासिल कर रही है.