रायपुर. छत्तीसगढ़ की न्यायधानी कहे जाने वाले बिलासपुर के ग्राम सेंदरी से एक सुकुन देने वाली खबर सामने आई है. खबर ये है कि अस्पताल में भर्ती मानसिक रोगी अब धीरे-धीरे ठीक होकर अपने घर लौटने लगे है.

हैरानी की बात ये है कि जब मरीज यहां लाए गए थे तो किसी को ये पता नहीं था कि मरीज किस राज्य या किस जिले के थे. लेकिन इलाज के बाद जब मरीज स्वस्थ्य हुए तो उन्होंने अपने घर का पता बताया और इसके बाद अस्पताल ने अपने स्तर पर मरीजों को अपने परिजनों से मिलवाया.

बिलासपुर के ग्राम सेंदरी में स्थित राज्य मानसिक अस्पताल से तीन मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं. मनोरोगी सुरेश दास 6 मई 2020 से जिनका उपचार मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. बीके बनर्जी, सायकेट्रिक सोशल वर्कर देवतनया कुमार के द्वारा किया जा रहा था लेकिन मरीज के परिजनों की कोई भी जानकारी नहीं थी जब मरीज की मानसिक स्थिति ठीक हुई तो उसने अपने घर का पता रंगूनी बस्ती, धनबाद, राज्य झारखण्ड बताया उसके उपरांत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर की सहायता से 2 दिसम्बर 2020 को परिजनों का पता चलते ही मरीज को उसके निवास स्थान भेजा गया. मरीज के परिजन के जानकारी देने के अनुसार मरीज पिछले लगभग पांच वर्षाें से घर से लापता था और मरीज के मिलने की उम्मीद खो दिए थे.

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मनोरोगी मो. रियाजुद्वीन कादिर, 07 मई 2020 से जिनका उपचार मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. बीके बनर्जी, सायकेट्रिक सोशल वर्कर जरीना सिद्विकी के द्वारा किया जा रहा था लेकिन मरीज के परिजनों की कोई भी जानकारी नहीं थी जब मरीज की मानसिक स्थिति ठीक हुई तो उसने अपने घर का पता नाटौर जिला-बिजनौर, राज्य उत्तरप्रदेश बताया उसके उपरांत वैभव लाल, सायकेट्रिक नर्स के द्वारा संबंधित थाने में संपर्क किया गया और घर का पतासाजी कराया गया, संबंधित की जानकारी प्राप्त होते ही 17 दिसम्बर 2020 को मरीज के परिजनों के द्वारा उनके मूल स्थान ले जाया गया. मरीज के परिजन के जानकारी देने के अनुसार मरीज पिछले लगभग एक वर्ष से घर से लापता था और मरीज के मिलने की उम्मीद खो दिए थे.

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मनोरोगी शरद चकवादी, 23 जनू 2020 से जिनका उपचार मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष तिवारी सायकेट्रिक सोशल वर्कर जरीना सिद्विकी के द्वारा किया जा रहा था लेकिन मरीज के परिजनों की कोई भी जानकारी नहीं थी जब मरीज की मानसिक स्थिति ठीक हुई तो उसने अपने घर का पता बामरा जिला सम्बलपुर राज्य उड़ीसा बताया उसके उपरांत  वैभव लाल, सायकेट्रिक नर्स के द्वारा संबंधित थाने में संपर्क किया गया और घर का पतासाजी कराया गया, संबंधित की जानकारी प्राप्त होते ही 30 दिसम्बर 2020 को मरीज के परिजनों के द्वारा उनके मूल स्थान ले जाया गया. मरीज के परिजन के जारी देने के अनुसार मरीज पिछले लगभग डेढ़ वर्ष से घर से लापता था और मरीज के मिलने की उम्मीद खो दिए थे. डॉ. बी.आर. नंदा, अधीक्षक के मार्गदर्शन में इस चिकित्सालय में ऐेसे सराहनीय कार्य लगातार होते रहते है.