कोरबा/कटघोरा. पंडो जनजाति को विशेष संरक्षित जनजाति का दर्जा प्राप्त है और इन्हें राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है. लेकिन इस दत्तक पुत्र को पट्टा देने के नाम पर रिश्वत मांगने का गंभीर मामला सामने आया है.

कटघोरा वनमण्डल अंतर्गत चैतमा वनपरिक्षेत्र के रामाकछार व तेलसरा में पदस्थ बीतगॉर्ड भीम पटेल व उनकी पत्नी सविता पटेल पर आरोप है कि पंडों जनजाति के लोगों को पट्टे दिलाने के नाम पर रिश्वत मांग रहे है.

इस पूरे मामले की शिकायत पीड़ित जनजाति के लोगों ने द्वारा कटघोरा वनमण्डलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर की.

ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम तेलसरा में पदस्थ बीटगॉर्ड भीम सिंह पटेल व रामाकछार में पदस्थ बीटगॉर्ड सविता पटेल दोनों पति पत्नी है और उन लोगों के द्वारा वन अधिकार दावा के लिए पैसे लिए जा रहे है और पैसों की लगातार मांग की जा रही है.

ग्रामिणों का दावा है उक्त कर्मचारियों ने महू पंडा से 10,000, समार सिंग पंडा से 10,000, चैतराम पंडा से 3000, सुकलाल पंडो से 2000 रूपए की रिश्वत ले चुके है और दोनों बीटगॉर्ड द्वारा लगातार पैसों की मांग की जा रही है. रिश्वत न देने पर वे दावे को अपात्र करने की धमकी भी देते है.

DFO ने कहा मामले की जांच करवाएंगे

जब मीडिया ने इस संबंध में DFO शमा फारूकी से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी उन्हें मिली है कि भीम सिंह पटेल व सविता पटेल बीटगॉर्ड द्वारा पंडों जनजाति से पट्टे दिलाने के नाम से पैसों की मांग की जा रही है. मामले को गंभीरता को देखते हुए मामले जांच की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही.