रायपुर.  एक नाबालिग बच्चे को आरपीएफ रायपुर की टीम ने उसे सकुशल अपने चाचा के घर नागपुर पहुंचाया. वहां तक पहुंचाने के लिए बकायदा दो स्टॉफ उसके साथ भेजे गए.

लेकिन आरपीएफ के इस गुड वर्क में ऐसे कई सवाल है जिसके जवाब आरपीएफ अधिकारी देने से बच रहे है. पहले आपको बताते है वो पूरा माजरा जो आरपीएफ अधिकृत रूप से कह रही है. जानकारी के मुताबिक 3 फरवरी को को मंडल सुरक्षा आयुक्त के दिशा निर्देश पर एक नाबालिग बालक पूणे के अपने घर से भागने की सूचना पर निरीक्षक मनीष कुमार सेटलमेंट पोस्ट रायपुर, उपनिरीक्षक दामिनी भारदीया रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट रायपुर और उप निरीक्षक सनातन थानापति मंडल टास्क टीम रेसुब रायपुर व बल सदस्यों के द्वारा खोजबीन करने पर रेलवे स्टेशन रायपुर के सर्कुलेटिंग एरिया में एक बालक संदिग्ध अवस्था में मिला.

जिसे रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट रायपुर में लेकर आए उक्त बालक से पूछताछ करने पर अपना नाम साहिल पवार पिता सुनील पवार उम्र 17 वर्ष, थाना संत तुकाराम नगर, जिला पुणे महाराष्ट्र का रहने वाला बताया और बताया कि वह अपने घर से 1.2.2021 को सुबह 9:00 बजे बिना किसी को बताए घर से निकल गया था.

नागपुर में परिजनों को हैंओवर करती आरपीएफ की टीम. ये फोटो अधिकृत रूप से आरपीएफ द्वारा जारी की गई है.

उक्त बालक के मिलने की सूचना पर तुरंत मंडल सुरक्षा आयुक्त रेसुब रायपुर एवं उक्त बालक के अनुसार उसके पिताजी को जानकारी दी गई तत्पश्चात मंडल सुरक्षा आयुक्त रेसुब रायपुर के आदेशानुसार प्रधान आरक्षक एचएस सोलंकी और आरक्षक प्रदीप रजक रेलवे सुरक्षा बल रायपुर के साथ सकुशल गाड़ी संख्या 02834 हावड़ा-अहमदाबाद स्पेशल एक्सप्रेस से बालक को साथ लेकर नागपुर तक पहुंचाया गया.

नागपुर में उक्त बालक को 19:15 बजे बालक के चाचा को सही सलामत सुपुर्द किया गया. उक्त बालक के परिजनों द्वारा आरपीएफ के सराहनीय कार्य के लिए धन्यवाद दिया गया. ये तो हो गई वो बात जो आरपीएफ बता रही है.

लेकिन हम आपको उन सवालों के बारे में बताते है जिसके जवाब आरपीएफ के पास या नहीं है, या तो वे देना नहीं चाह रहे है.

लल्लूराम डॉट कॉम ने आरपीएफ अधिकारियों से जब ये जानना चाहा कि उक्त युवक किस ट्रेन से रायपुर पहुंचा ? युवक के पास मोबाइल नहीं था. तो ये कैसे पता चला कि उक्त युवक सर्कुलेटिंग एरिया में धूम रहा है. सूत्र बताते है कि मंडल सुरक्षा आयुक्त ने एक तस्वीर उक्त बालक की अधिकारियों को भेजी थी. जिसके बाद आरपीएफ की टीम बड़ी तेजी से एक्टीवेट हुई.

यदि उक्त मासूम के पास फोन नहीं था तो उसे कैसे ट्रेस किया गया ? इसकी भी जानकारी आरपीएफ अधिकृत रूप से नहीं दे रही है. पूरी जानकारी लेने के लिए मंडल सुरक्षा आयुक्त को बुधवार रात 8:44 बजे फोन किया गया. लेकिन उनका फोन बंद मिला.

चूंकि इसे आरपीएफ के दो स्टॉफ नागपुर छोड़ने गए थे. इसलिए संभवतः ये किसी हाईप्रोफाइल पद से जुड़े हुए किसी रिश्तेदार का परिचित होने की संभावना है. लेकिन इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है.

और यदि ये बिना किसी टिकट के ट्रेन से सफर कर के रायपुर पहुंच गया तो सुरक्षा के उन दावों की पूरी पोल खुल गई जिसमें रेलवे ये दावा करती है कि बिना कंफर्म टिकट किसी को भी स्टेशन में प्रवेश नहीं दिया जाता है.