सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार की कहानी और उनपर बनी फिल्म तो आपने देखी होगी. लेकिन उनके सपनो को पूरे करने की सच्ची कहानी उनकी जुबानी शायद नहीं सुनी होगी. लेकिन उनकी ये कहानी आप जितनी बार देखेंगे और सुनेंगे और उनकी ये प्रेरणादायक कहानी आपका जीवन बदल सकती है.
18 वर्षों से चला रहे Super-30
आनंद कुमार पिछले 18 वर्षों से एक अत्यधिक नवीन तकनीक ‘सुपर 30’ कार्यक्रम चलाने के लिए जाने जाते हैं. ‘सुपर 30’ कोचिंग संस्थान हर साल गरीब परिवारों के 30 प्रतिभावान बच्चों का चयन कर बिना शुल्क के आईआईटी की तैयारी करवाता है. आनंद कुमार की ये संस्था बच्चों की शिक्षा के साथ रहने और खाने का खर्च भी उठाती है.
शिक्षा के क्षेत्र में मिला बिहार का सर्वोच्च सम्मान
आनंद कुमार को इससे पहले भी कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. 2017 में उन्हें भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में बिहार सरकार का सर्वोच्च पुरस्कार, ‘मौलाना अब्दुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार’ से भी उन्हें नवंबर 2010 में सम्मानित किया गया था.