नई दिल्ली। देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर आग लगी हुई है. आंकड़ा पेट्रोल का आंकड़ा सौ रुपए को छूने को है. ऐसे में कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन पन्नों का पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई है कि आखिर कोई सरकार कैसे जनता पर बिना सोचे-विचारे ऐसे असंवेदनशील उपाय थोप सकती है.

सोनिया गांधी ने अपने पत्र में पेट्रोल और गैस की बढ़ी हुई कीमतों पर सभी नागरिकों के गुस्से और नाराजगी को जाहिर करने की बात कहते हुए लिखा कि एक तरफ जहां भारत में योजनाबद्ध तरीके से नौकरियों, वेतन और घरेलू आमदनी का खात्मा हो रहा है. मध्यमवर्ग और समाज में हाशिए पर रहने वाले लोग ऐसे में संघर्ष कर रहे हैं. इसमें बढ़ी हुई मुद्रास्फीति के अलावा घरेलू सामानों और जरूरी सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी ने कमर तोड़ दी है. दुर्भाग्य से सरकार लोगों की दुख और पीड़ा की घड़ी में पैसा कमाने की सोच रही है.

उन्होंने पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ी हुई कीमतों को कम कर देश के नौकरीपेशा, मध्यमवर्ग, किसानों और गरीबों को राहत पहुंचाने की बात कहते हुए पत्र का समापन इस उम्मीद से किया कि सरकार कीमतों के बढ़ने पर कोई बहाना बनाने की बजाए इसका उपाय ढूंढने का प्रयास करेगी.