चंद्रकांत देवांगन. दुर्ग. छत्तीसगढ़ सरकार खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने खेलबो-जीतबो-गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के नारा दिया है. लेकिन कुछ संघ के पदाधिकारी शासन के इस नारे की फजीहत करने में लगे हुए है.  खिलाड़ियों के अभावों को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने खेल प्राधिकरण के गठन किया गया है. लेकिन मुख्यमंत्री व गृहमंत्री के जिले के कबड्डी खिलाड़ियों को अच्छा खेल खेलने व मैडल लाने के बाद भी पक्षपात व भेदभाव से गुजरना पड़ा रहा है.

छग स्पोर्ट्स क्लब के कबड्डी खिलाड़ी की टीम अपनी खेल का प्रतिभा देखने के लिए जिला ग्रामीण कबड्डी संघ द्वारा 16 फरवरी को जिला स्तरीय चयन ट्रायल का आयोजन विकासखंड पाटन में किया गया था.

इसमे जिले के 3 विकासखंड व अन्य क्लब के खिलाड़ियों को आमंत्रित किया गया था. इस कड़ी में भिलाई के छग स्पोर्ट्स क्लब के कबड्डी खिलाड़ियों भी चयन ट्रायल के लिए पाटन पहुंचे थे. लेकिन उनको चयन ट्रायल में उतारने का मौका नहीं दिया गया.

जिला ग्रामीण कबड्डी संघ के सचिव पीलाराम पारकर द्वारा बाकायदा जिला ग्रामीण कबड्डी संघ के लेटर पैड में भिलाई के कबड्डी खिलाड़ियों को इस जिला स्तरीय चयन ट्रायल में ग्रामीण व शहर के खिलाड़ियों को भाग लेने का मौका दिया था.

लेकिन अंतिम समय मे सचिव ने शहर के खिलाड़ियों को भाग नहीं लेने दिया. सचिव पीलाराम पारकर का कहना था कि इन खिलाड़ियों की वजह से गांव के खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पा रहे है. ये खिलाड़ी पिछले 7-8 सालों से कबड्डी खेल कर मैडल ला रहे है और अगर ये लगातार खेलते रहे तो ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ी पिछड़ जाएंगे.

सचिव का यह तर्क भले ही ग्रामीण खिलाड़ियों के पक्ष में हो पर उनको यह बात समझनी चाहिए कि ग्रामीण स्तर के खिलाड़ियों को अच्छी ट्रेनिंग देने से वो भी किसी बड़े खिलाड़ियों को पीछे कर सकते है पर सचिव ने पक्षपात कर अच्छे खिलाड़ियों को खेलने का मौका न देकर अब खिलाड़ियों में ही भेदभाव पैदा कर दिया है.

कलेक्टर से हुई पूरे मामले की शिकायत

इस घटना से व्यथित होकर भिलाई कबड्डी खिलाड़ियों ने जिला कलेक्टर से शिकायत की है. भिलाई कबड्डी खिलाड़ियों की माने तो कबड्डी में जिला व नेशनल स्तर पर कई बार जीतकर मैडल ला चुके है, साथ ही खेलो इंडिया में भी प्रतिभा देखा चुके है. उसके बाद भी इन खिलाड़ियों के साथ पक्षपात किया गया है.

खिलाड़ियों ने आरोप लगाया है जिला ग्रामीण कबड्डी संघ के सचिव द्वारा भिलाई के कबड्डी खिलाड़ियों के साथ अन्याय किया गया और उस चयन ट्रायल में बुलाने के बाद उनको ट्रायल देने का मौका नहीं दिया गया और कहा गया कि इस चयन ट्रायल में ग्रामीण क्षेत्र के खिलाडियो ही मौका दिया गया और शहरी क्षेत्र के खिलाड़ियों के साथ अनदेखी की गई है.

भविष्य में इसका असर राज्य और नेशनल स्तर पर जरूर दिखेगा अगर अच्छे खिलाड़ी आगे नहीं जा पाएंगे तो प्रदेश और देश मैडल के लिए तरसता रहेगा.

कलेक्टर से हुई शिकायत के बाद इस मामले में खेल एंव युवा कल्याण विभाग विभाग कबड्डी खिलाड़ियों के साथ खड़ा हुआ नजर आ रहा है, विभाग के उपसंचालक विलियम लकरा ने खिलाड़ियों के साथ हुए पक्षपात को लेकर संज्ञान में लेते हुए जिला ग्रामीण कबड्डी संघ के कोषाध्यक्ष व सचिव से जानकारी ली है. जिसमें सचिव द्वारा भिलाई के खिलाड़ियों को चयन ट्रायल में भाग लेने से साफ मना करने को गलत करार देते हुए संघ के सचिव पीलाराम के विरुद्ध उचित कार्रवाई व सचिव पद से हटाने शासन को पत्र भेजने की बात कही है.