सत्यपाल सिंह,रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग देर से ही सही, लेकिन नींद से जागा है. अब जाकर स्वीकार किया कि निजी स्कूल बच्चों के पालकों से दबाव बनाकर फीस वसूल ही नहीं, बल्कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं. रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के सभी शासकीय प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक शाला के प्राचार्यों को आदेश जारी किया है.
जारी पत्र में कहा गया है कि रायपुर ज़िले में निजी विद्यालय द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और बिलासपुर हाइकोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहा है. शैक्षणिक शुल्क भरने के लिए पालकों पर दबाव बनाया जा रहा है. शुल्क जमा नहीं करने की स्थिति में छात्रों को ऑनलाइन कक्षा और परीक्षा से वंचित किया जा रहा है. यह स्थिति छात्र हित में नहीं है.
शिक्षा अधिकारी एन बंजारा ने बताया कि राजधानी के सभी निजी स्कूल प्राचार्य प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक हाई स्कूल उच्चतर माध्यमिक विश्वविद्यालय को निर्देशित किया गया है कि वो किसी भी पालक से केवल ट्यूशन फ़ीस ही लेना सुनिश्चित करें. किसी भी छात्र छात्राओं की ऑनलाइन कक्षा और परीक्षा से वंचित न करें. पालक यदि 1 मुश्त शिक्षण शुल्क नहीं दे पाते हैं, तो किस्त में शिक्षण शुल्क ले. साथ ही कहा गया है कि इस शिक्षा का अधिकार अधिनियम और उच्च न्यायालय के पारित आदेशों का पालन करें.