नई दिल्ली। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में बैंकरप्सी कानून में बदलाव के ऑर्डिनेंस को मंजूरी दे दी गई है. इस बार संसद के शीतकालीन सत्र में इस ऑर्डिनेंस को पेश किया जाएगा.
अगर ये अध्यादेश पास हो जाता है, तो इससे दिवालिया कंपनियों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी. इन कंपनियों के प्रमोटर्स मुश्किल में फंसेंगे और वे दोबारा कंपनियों में हिस्सेदारी नहीं खरीद पाएंगे. हालांकि इससे सरकारी कंपनियों को भारी मुनाफा होगा.
बता दें कि वर्तमान में भूषण स्टील, मोनेट इस्पात जैसी कंपनियां बैंकरप्सी प्रक्रिया से गुजर रही हैं.
वहीं आज कैबिनेट की बैठक में लेदर सेक्टर को राहत पैकेज देने के मामले पर कोई फैसला नहीं हो सका. वहीं 15वें वित्त आयोग के गठन को भी आज की बैठक में कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 15वां वित्त आयोग अप्रैल 2020 से 2025 तक लागू होगा.
गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र इस साल 15 दिसंबर से शुरू होगा और 5 जनवरी 2018 तक चलेगा.