रायपुर. वन विभाग और रायपुर पुलिस की साइबर सेल ने लकड़ी तस्कर के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है. तस्कर के पास से पुलिस ने करीब 2 करोड़ रूपए की लकड़ी जब्त की है.
जब्त लकड़ी का नाम खैर बताया जा रहा है. जो बेहद कीमती मानी जाती है. पुलिस के मुताबिक तस्कर कंटेनर में भरकर इसे पंजाब ले जाने की तैयारी में था. आरोपी ड्राइवर का नाम कृष्ण सिंह बताया जा रहा है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक आरोपी पंजाब के पटियाला का रहने वाला है.
इस मामले में भारतीय वन अधिनियम की धारा 40 और 41 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस पूरे मामले का खुलासा पुलिस दोपहर को संभवतः करने वाली है. ये पूरी कार्रवाई मंदिर हसौद थाना क्षेत्र में की गई है.
साइबर सेल प्रभारी रमाकांत साहू ने बताया कि सूचना मिली थी कि ओड़िशा की तरफ से अवैध लकड़ी तस्करी कर लायी जा रही है. जिसके बाद इसको पकड़ने के लिए 3 पार्टियां लगाई गई थी. देर रात रिंग रोड 3 पर घेराबंदी कर कंटेनर को पकड़ा गया. ड्राइवर कंटेनर को खोलने के लिए आनाकानी कर रहा था. इस पर मंदिर हसौद थाने में केस दर्ज किया गया है. ड्राइवर ने पूछताछ में बताया कि वह लकड़ी को बलौदाबाजार के सरसींवा की तरफ से भरकर पंजाब ले जा रहा था.
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अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आइयूसीएन) ने वर्ष 2004 में विश्व भर में 552 पेड़ों की प्रजातियों को खतरे में माना था. जिसमें 45 प्रतिशत पेड़ भारत से थे. इन्हीं में खैर का नाम भी शामिल है. खैर की लकड़ी का इस्तेमाल औषधि बनाने से लेकर पान और पान मसाला में इस्तेमाल होने वाले कत्था, चमड़ा उद्योग में इसे चमकाने के लिए किया जाता है. प्रोटीन की अधिकता के कारण ऊंट और बकरी के चारे के लिए इसकी पत्तियों की काफी मांग है. चारकोल बनाने में भी इस लकड़ी का उपयोग होता है. आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल डायरिया, पाइल्स जैसे रोग ठीक करने में होता है. मांग अधिक होने की वजह से खैर के पेड़ों को अवैध रूप से काटा जाता है.