डॉ. वैभव बेमेतरिहा. रायपुर. निगम,मंडल और आयोगों में पहली और दूसरी सूची में नियुक्ति से वंचित कांग्रेसी नेताओं को लग रहा है कि उनका वनवास खत्म नहीं हो रहा. नियुक्ति की बांट जोह रहे ऐसे नेताओं के चेहरे की मायूसी बरकरार है. इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उस बयान ने नेताओं की मायूसी और बढ़ा दी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि ”अभी थोड़ा और इंतजार कीजिए”

असम रवाना होने के पहले पत्रकारों के सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दिया गया यह बयान बताता है कि अभी निगम, मंडल और आयोग में नियुक्ति फिलहाल सरकार की प्राथमिकता में नहीं है. बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता असम चुनाव में ड्यूटी पर भेजे गए हैं. असम चुनाव के साथ-साथ मुख्यमंत्री पं.बंगाल में भी बतौर स्टार प्रचारक व्यस्त रहेंगे, जाहिर है चुनावी अभियान में जुटे होने की वजह से उनके पास वक्त की कमी है.

यहां बची है नियुक्ति

पर्यटन मंडल, ब्रेवरेज कार्पोरेशन, युवा आयोग, छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग, संस्कृति परिषद, छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम, हिन्दी ग्रंथ अकादमी, सीएसआईडीसी, कृषि उपज मंडी बोर्ड, पर्यावरण संरक्षण मंडल, माटीकला बोर्ड, केश शिल्पी कल्याण मंडल, दुग्ध महासंघ, मत्स्य महासंघ, हाथकरघा विकास निगम, सिंधी अकादमी, उर्दू अकादमी, अनुसूचित जाति आयोग, विधि आयोग, शिक्षा आयोग, निःशक्तजन आयोग जैसे निगम मंडल और आयोग खाली हैं, जहां नियुक्तियां की जानी हैं. कई नेताओं ने अपनी पसंद की जगह के हिसाब से मजबूत दावेदारी भी पेश कर दी है. चर्चा है कि कुछ नाम पर सहमति भी बन गई है, बावजूद इसके नियुक्ति का आदेश रोक कर रखा गया है.