रायपुर. पंचायत संवर्ग के शिक्षकों (शिक्षाकर्मियों) को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विगत लगभग साढ़े चार साल से छठवां वेतनमान दिया जा रहा है. उन्हें यह वेतनमान एक मई 2013 से स्वीकृत किया गया है. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश सरकार इन शिक्षकों को उनकी सेवाओं के एवज में लगातार बेहतर पैकेज दे रही है. उन्हें सात वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर समयमान वेतनमान की भी पात्रता दी गई है.
राज्य में व्याख्याता (पंचायत) को रूपए 9300-34800 और ग्रेड पे रूपए 4300, शिक्षक (पंचायत) को रूपए 9300-34800 और ग्रेड पे रूपए 4200 और सहायक शिक्षक (पंचायत) को रूपए 5200-20200 तथा ग्रेड-पे रूपए 2400 दिया जा रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार ने ड्यूटी के दौरान अगर दुर्भाग्यवश किसी शिक्षक की मृत्यु हो जाए तो उनके परिवार के लिए अनुग्रह राशि और आश्रित के लिए अनुकम्पा नियुक्ति का भी प्रावधान किया है. संबंधित परिवार को अनुग्रह राशि के रूप में दिवंगत के छह महीने के वेतन अथवा रूपए 50 हजार जो भी कम हो तत्काल दिए जाते है.
रमन सरकार ने अगर किसी शिक्षक (पंचायत) की ड्यूटी के दौरान आकस्मिक मृत्यु हो जाए तो उनके आश्रित को पात्रता के अनुसार सहायक शिक्षक (पंचायत) के पद पर नियुक्ति देने का भी प्रावधान किया है. इसके साथ ही रमन सरकार पंचायत संवर्ग के दिव्यांग शिक्षकों को 250 रूपए मासिक वाहन भत्ता भी दे रही है. मध्यप्रदेश में भी उन्हें 250 रूपए मासिक वाहन भत्ते की पात्रता है.
डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पंचायत संवर्ग के शिक्षकों के लिए एक अप्रैल 2012 से अंशदायी पेंशन योजना भी लागू की गई है. इन शिक्षकों को जिला पंचायतों और जनपद पंचायतों के कर्मचारियों के समान अवकाश की भी पात्रता दी गई है. छत्तीसगढ़ में पंचायत संवर्ग के इन शिक्षकों के लिए वर्तमान में जिले के अंदर पति-पत्नि के एक स्थान पर पदस्थापना के तहत तथा अंतर्जिला आपसी तबादले का भी प्रावधान है. स्थानांतरण के संबंध में शासन द्वारा समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए जाते है. छत्तीसगढ़ राज्य में जहां सात वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर पंचायत संवर्ग के शिक्षकों को समयमान वेतनमान दिया जाता है. वहीं मध्यप्रदेश में 12 वर्ष और 24 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर वहां के पंचायत संवर्ग के अध्यापकों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ मिलता है.