देवेंद्र डड़सेना, पथरिया। पूर्व विधायक खेमसिंह बारमते पर ग्रामीणों ने मुक्तिधाम और शासकीय निस्तार भूमि पर कब्जा करने का आरोप लगाया है. पूर्व विधायक ने रुतबा दिखाते हुए शासकीय भूमि को निजी भूमि बताकर अपनी पत्नी अनार बाई के नाम पर कर दिया. इसके बाद धान खरीदी केंद्र ककेड़ी में जमीन पंजीकृत कराकर धान बेच दिया.

पूरा मामला ग्राम पंचायत उमरिया का है, जहां पटवारी ने शासकीय निस्तारी भूमि, मुक्तिधाम एवं पड़ती जमीन का गिरदावरी कर गलत जानकारी दिया, जिसे खेमसिंह बारमते ने गौचर पड़ती भूमि को अपना निजी खेतिहर जमीन बताकर 56 क्विंटल धान बेच दिया.

पड़ती भूमि निस्तार पत्रक पर खसरा नम्बर 383/6 एवं 383/7 पर शासकीय जमीन मुक्तिधाम बता रहा है, जिसमें ग्रामीण कफ़न दफन का कार्य करते हैं. उसी भूमि पर ग्राम पंचायत के द्वारा शासकीय मद से कच्ची सड़क का निर्माण कराया गया है.

सरकारी मद से हुआ बोर खनन

इसके अलावा भू नलजल सरकारी योजना से बोर खनन का कार्य किया गया है और पानी निकासी की व्यवस्था सरकारी मद से किया गया है. उसी जमीन पर दो परिवारों द्वारा बेजा कब्जा कर मकान बनाकर निवास कर रहे है. इससे पहले भी इसी पड़ती जमीन को खेती बताकर 120 कट्टी धान को बेचा गया था, जिसे तत्कालीन कलेक्टर ने कार्यवाही करते हुए धान की जब्ती कर स्थल निरीक्षण के लिए टीम गठित की थी, जिस पर जांच समिति के द्वारा मौका जांच पर उक्त जमीन को पड़ती गौचर भूमि पाया गया था.

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पहले हो चुकी है शिकायत

ग्राम पंचायत उमरिया के सरपंच संतोष बंजारे ने कहा कि ग्राम निस्तारी की जमीन जिस पर गांवों के सभी दफन कफ़न का कार्य करते हैं, उसी जमीन पर दो अन्य लोगों का कब्जा भी है, जिस पर पूर्व विधायक खेमसिंह बारमते ने पटवारी रिपोर्ट में अपना धान उपजाऊ जमीन बता रिपोर्ट तैयार कराया गया है, जो गलत है. पूर्व में भी इनके द्वारा धान बेचने की शिकायत की थी, जिस पर जब्ती की कार्रवाई की गई थी. उक्त जमीन को पड़ती भूमि बताया गया था.

सात दिन में होगी मामले की जांच

एसडीएम प्रिया गोयल ने बताया कि शिकायत मिली है. जांच टीम गठित कर 7 दिन के भीतर जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.

शिकायत वापस लेने का बनाया दबाब

शिकायतकर्ता राजीव मनहर बोले कि पूर्व विधायक खेमसिंह बारमते ने 3.80 एकड़ जमीन को निजी जमीन बता धान बेच दिया, जो गलत है. मुक्तिधाम के लिए निस्तार पत्रक में दर्ज जमीन को अपना निजी जमीन बताया जा रहा है. पूर्व विधायक के द्वारा मेरे से शिकायत वापस लेने दबाव बना धमकी दी जा रही है.