रायपुर। अंग प्रत्यारोपण की सुविधा लागू करने के लिए ‘मोरल, मेडिकल और लीगल’ एंगल भी देखने आवश्यक हैं, जिन्हें पूरा कर हमें जल्द से जल्द छत्तीसगढ़ में अंग प्रत्यारोपण को सुचारु और सुलभ रूप से उपलब्ध कराएंगे, जिससे प्रदेशवासियों को इस सुविधा के लिए भटकने की आवश्यकता ना रहे. यह बात स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अंग प्रत्यारोपण की 5 दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा.

रायपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में आयोजित कार्यशाला में मंत्री सिंहदेव ने बताया कि प्रदेश के 4 अस्पतालों में लाइव ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध है, और 4 अस्पतालों ने इस सुविधा के लिए आवेदन दिया हुआ है. इस दौरान उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने इस विषय पर कुछ महीनों पहले एक बैठक की थी, जिसमें लिवर ट्रांसप्लांट अंग प्रत्यारोपण के कानूनों को जल्दी लागू करने पर विचार व्यक्त किए थे, परंतु अंग प्रत्यारोपण जैसे बड़े और जटिल विषय में स्थितियों का अध्ययन और विधिक नियमों का पालन अनिवार्य है. इन औपचारिकताओं को पूरा कर कानून विभाग से अनुमति मिलते ही इसे लागू किया जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने उपस्थित सभी चिकित्सकों और अधिकारियों के प्रति शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए उनका आभार व्यक्त किया. इसके साथ प्रश्नों व सुझावों के लिए आमंत्रित किया. इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सकों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों समेत विधायक कुलदीप सिंह जुनेजा भी उपस्थित रहे.

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प्रत्यारोपण नियम की कार्यवाही प्रक्रियाधीन

बता दें कि छत्तीसगढ़ में मृतक अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया में स्वास्थ्य विभाग पूरी तत्परता से जुटा हुआ है. मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण का अंगीकरण 1 जून 2017 को किया गया एवं राज्य प्राधिकरण समिति व राज्य सलाहकार समिति का पुनर्गठन 23 नवम्बर 2019 को कर इसका राजपत्र में प्रकाशन किया जा चुका है. प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण नियम 2014 के अनुकूलून की कार्यवाही विधि विभाग में प्रक्रियाधीन है.

अंगदान की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की कवायद

इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में सोटो की स्थापना के लिए उचित स्थल का चयन रायपुर मेडिकल कॉलेज में ही किया गया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल्द ही राज्य स्तर पर अंगदान की उपलब्धता को पारदर्शी बनाने के राज्य संस्थान की भी स्थापना कर ली जाएगी. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में सोटो की स्थापना व संचालन के लिए राज्य पर्यवेक्षक समिति का भी गठन किया जा चुका है.

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