गरियाबंद। कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर एक दिवसीय देवभोग दौरे पर थे. देवभोग में अंग्रेजी मॉडल स्कूल के लिए चयनित कन्या हाईस्कूल भवन का निरीक्षण किया. इसके बाद कलेक्टर विश्रामगृह में भोजन कर रहे थे. तभी 50 की संख्या में प्रदर्शनकारी लो वोल्टेज की समस्याओं को लेकर पहुंचे. कोरोना संक्रमण के लिहाज से लोगों की भीड़ को देखकर कलेक्टर भड़क पड़े.
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दरअसल, देवभोग इलाके में बिजली विभाग की लापरवाही के कारण लोग लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं. लोगों को लो वोल्टेज के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. खेतों में सिंचाई से लेकर घर में बिजली उपयोग की भी परेशानी है. इसी को लेकर सत्याग्रह समिति के अगुवाई में लगभग 50 लोग कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे. अपनी समस्याओं को बताना चाहते थे.
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लो वोल्टेज मामले में 2-3 लोगों से मिलने की सहमति
कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर लोगों को कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए महज 2-3 लोगों से मिलने की सहमति दी. इससे लोग नाराज हो गए. कलेक्टर से सभी लोग मिलने की जिद पर अड़ गए. तहसीलदार समीर शर्मा और एसडीएम अनूपम आशीष टोप्पो की समझाइश को भी नहीं माने. लगातार नारेबाजी करते रहे.
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कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन से कलेक्टर नाराज
एसडीएम ने लोगों से कहा कि कलेक्टर कोरोना संक्रमण के कारण इतने लोगों से नहीं मिल सकते. आप लोग दफ्तर आ जाना, लेकिन आधे घंटे तक प्रशासन और सत्याग्रही अपनी-अपनी बातों पर अड़े रहे. इस बीच कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन से नाराज कलेक्टर ने कहा कि बात रखने का यह कोई तरीका नहीं होता. धारा 144 लागू है, फिर भी आप सभी इस तरह से बात रखना चाह रहें हैं. ये गलत है.
वापस मुख्यालय लौट गए कलेक्टर
बता दें कि आंदोलनकारी और प्रशासन के बीच लो वोल्टेज और कोरोना के नियमों को लेकर काफी लंबे समय तक नोकझोंक चलता रहा. जब लोग कलेक्टर की बात नहीं माने तो कलेक्टर सभी से नाराज होकर दौरा रद्द कर दिया. कलेक्टर वापस जिला मुख्यालय ले लिए चले गए. अब लो वोल्टेज की परेशानी लोगों की बरकरार है. परेशानी का सामना कर रहे हैं.