नांदेड़। महाराष्ट्र के नांदेड़ में होला मोहल्ला मनाने से रोकने पर सिख समुदाय के लोगों ने सोमवार को पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. झड़प में कम से कम चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें नांदेड़ के पुलिस अधीक्षक का अंगरक्षक भी शामिल है. मामले में  महाराष्ट्र पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार करने के साथ 60 लोगों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया गया है.

नांदेड़ रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक निसार तंबोली ने बताया कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए होला मोहल्ला की अनुमति नहीं दी गई थी और गुरुद्वारा कमेटी ने भरोसा दिया था कि वे होला मोहल्ला कार्यक्रम गुरुद्वारा के अंदर ही करेंगे. लेकिन शाम 4 बजे निशान साहिब को गुरुद्वारे के द्वार पर लाया गया तो कई लोगों ने बहस शुरू कर दी और 300 से अधिक युवा दरवाजे से बाहर आकर बैरिकेड तोड़ते हुए पुलिसकर्मियों पर हमला करना शुरू कर दिया.

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डीआईजी तंबोली ने कहा कि चार में से एक कॉन्स्टेबल की हालत गंभीर है. उन्होंने बताया कि भीड़ ने पुलिस के छह वाहन भी क्षतिग्रस्त कर दिए. उन्होंने कहा कि कम से कम 200 व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 324, 188, 269 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा.

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क्या है होला मोहल्ला

सिखों के पवित्र धर्मस्थान श्री आनंदपुर साहिब में लगने वाले मेले को होला मोहल्ला कहते हैं. भारत के हर क्षेत्र में रहने वाले सिख गुरुद्वारा में इसे मनाते हैं. सिखों के लिए होला मोहल्ला का बहुत महत्व है. सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह इसके माध्यम से समाज के दुर्बल और शोषित वर्ग की प्रगति चाहते थे. होला मोहल्ला का उत्सव आनंदपुर साहिब में छह दिनों तक चलता है. इस अवसर घोड़ों पर सवार निहंग, हाथ में निशान साहब उठाए तलवारों के करतब दिखा कर साहस, पौरुष और उल्लास का प्रदर्शन करते हैं.

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