रायपुर। शालेय शिक्षक संघ ने कोविड ड्यूटी में लगे शिक्षकों का 50 लाख रुपए का बीमा कराए जाने के साथ वैक्सीनेशन कराने की मांग की है. इसके अलावा गंभीर बीमारियों से ग्रस्त शिक्षकों को कोविड ड्यूटी से अलग रखे जाने की मांग की गई है.

शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बयान जारी कर कहा कि बीते कुछ दिनों से कोविड -19 से संक्रमित मरीजों की संख्या अनियंत्रित रूप से फैल रही है, जिसकी वजह से आंगनबाड़ी, विद्यालय और कॉलेजों को पुनः बन्द कर दिया गया है. विद्यालय बन्द हैं,  लेकिन शिक्षकों को विद्यालय बुलाया जा रहा है. लेकिन शिक्षकों का विद्यालय में पढ़ाने के अलावा कोई कार्य नहीं होता है, इस लिहाज से ऑनलाइन पढ़ाई वे घर से भी करा सकते है, जिसकी रिपोर्ट पोर्टल से मिल जाती है.

वीरेंद्र दुबे ने कहा कि वर्तमान में बहुत से शिक्षक कोविड से संक्रमित हो रहे है और वाहक के रूप में भी कार्य कर रहे हैं, जिससे शिक्षकों के जीवन का खतरा है. ऐसे में शासन को चाहिए कि शिक्षकों को घर पर ही रहकर ऑनलाइन पढ़ाने का कार्य सौंपा जाए या फिर बारी-बारी से शालाओं में बुलाया जाए, जिससे संक्रमण का खतरा कम हो.

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उन्होंने कहा कि कोविड-19 के रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन का कार्य भी जारी है. 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले सभी नागरिकों को वैक्सीनेट किया जाना है, जिसमें शिक्षकों की भी मदद लेने की तैयारी है. इसके लिए कुछ जिलों में विधिवत आदेश जारी किया गया है. शिक्षकों को वैक्सीनेशन कार्य में सम्मलित करने से संगठन को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन शिक्षकों के स्वास्थ्य को लेकर चिंताओं की डयूटी लगाते समय ध्यान रखने की मांग की गई है.

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इनमें गंभीर बीमारियों से ग्रसित शिक्षकों को ड्यूटी से अलग रखने, छोटे बच्चे वाली शिक्षिकाओं को छूट प्रदान की जाए, सभी शिक्षकों का वेक्सीनेशन किया जाए. स्वास्थ्य कर्मियों की तरह शिक्षकों का भी बीमा किया जाए और कोरोना किट, मास्क, सेनेटाइजर आदि सामग्री उपलब्ध कराया जाए.