रायपुर। आज का पंचांग-दिनांक 5 अप्रैल 2021, शुभ संवत 2077 शक 1942 सूर्य उत्तरायन का…चैत्र मास कृष्ण पक्ष नवमी तिथि…रात्रि को 02 बजकर 19 मिनट तक..दिन…सोमवार…उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र…रात्रि को 02 बजकर 5 मिनट तक…5 अप्रैल चंद्रमा…मकर राशि में.
5 अप्रैल राहुकाल दिन 07 बजकर 27 मिनट से 09 बजकर 00 मिनट तक होगा.
5 अप्रैल राशिफल-
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए, गुरु नौवें और बारहवें घर का स्वामी है और आय, लाभ और इच्छा के आपके ग्यारहवें घर में यह वक्री गोचर करेगा। ग्यारहवें घर में गुरु का होना यह दर्शाता है कि आपको अपनी इच्छाओं, उम्मीदों और सपनों को पूरा करने में इस दौरान कठिनाई होगी। इस अवधि के दौरान आप जो भी उम्मीद कर रहे हैं उसे पूरा होने में देरी हो सकती है या आपको अपने उम्मीद के अनुसार फल प्राप्त नहीं होंगे। आर्थिक रूप से आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और भविष्य में आपके खर्चों में भी वृद्धि होने की संभावना है। स्वास्थ्य जीवन पर नजर डाली जाए तो, यह आपके लिए एक अनुकूल समय अवधि है, आपको उचित आहार और स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
उपायरू श्री रुद्रम का पाठ करें। मीठे रसीले फलो का दान करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए, बृहस्पति इनके आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और करियर, नाम और प्रसिद्धि के दसवें घर में यह स्थानांतरित हो रहा है। दसवें घर में गुरु के वक्री गोचर के दौरान आपको अपना धैर्य स्तर बनाए रखना होगा और कोई भी कार्य करते समय को सावधान रहना होगा क्योंकि इस अवधि में आपको बहुत संघर्ष करना पड़ सकता है। कोई भी नई परियोजना इस दौरान शुरू न करें, कार्यक्षेत्र में भले ही स्थितियां इस दौरान आपके अनुकूल न हों। हालांकि कारोबारियों को इस दौरान लाभ मिलने की पूरी संभावना है हालांकि लाभ की राशि मिलने में थोड़ा विलंब होने की संभावना है। पारिवारिक वातावरण आपके लिए अनुकूल रहेगा क्योंकि इस अवधि में आपके परिवार में सुख और शांति की वृद्धि होगी।
उपायरू गुरुवार का व्रत करना आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा। इसके साथ चने की दाल का दान करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए, गुरु सातवें और दसवें घर का स्वामी है इस गोचर के दौरान आपको कानूनी प्रणाली के साथ कुछ समस्याएं हो सकती हैं। पेशेवर जीवन पर नजर डालें तो, यदि आपके पास नौकरी नहीं है या आपके पास जो नौकरी है वह संतोषजनक नहीं है, तो आपको एक नया अवसर मिल सकता है लेकिन आपको धैर्य रखने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसमें कुछ देरी हो सकती है। इस गोचर के दौरान आपका परिवार आपका सहयोग करेगा और संतान और भाईयों का भी आपको पूरा साथ मिलेगा। आप अपनी कड़ी मेहनत के जरिये अपनी कई भौतिक इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं और आपको उन समस्याओं से राहत मिलेगी जो आपने पहले झेली हैं।
उपायरू गुरु की शांति के लिए पीपल के पेड़ में दीपक जलाकर विष्णु चालीसा का पाठ करें और केले का दान करें।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु छठे और दसवें घर का स्वामी है और यह संयुक्त उद्यम, कर, बीमा, ऋण और मृत्यु के आठवें घर में गोचर कर रहा है। अष्टम भाव में गुरु हो तो जातक को लाभ दे सकता है, लेकिन इसमें देरी भी होगी। इस दौरान आध्यात्मिक क्षेत्र में आगे बढ़ने में आपको दिक्कतें आ सकती हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से आपको यह सलाह दी जाती है कि जितना हो सके अपनी सेहत के प्रति सतर्क रहें, क्योंकि इस दौरान आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। अपनी ऊर्जा को बेवजह के कामों में इस दौरान बर्बाद करने से आपको बचना चाहिए।
उपायरू गुरु बीज मंत्र ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः’ का पाठ करें। घी का दान करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए, गुरु पांचवें और आठवें भाव का स्वामी है और शादी और साझेदारी के सातवें घर में इसका वक्री गोचर हो रहा है। चूंकि गुरु विवाह का कारक ग्रह है और इस दौरान शादी कर सकते हैं। पेशेवर रूप से, आपको नौकरी में बदलाव करने से इस दौरान बचना चाहिए क्योंकि यह आपके लिए फायदेमंद साबित नहीं होगा। कार्यक्षेत्र में इस दौरान सहकर्मियों के साथ आप संघर्ष करते देखे जा सकते हैं। आर्थिक रूप से भी आपको उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है और पैसों के लेन-देन में लाभ की संभावना भी बहुत कम है।
उपायरू गुरू मंत्र का जाप करें। बेसन के लड्डू का भोग लगायें।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए, गुरु चैथे और सातवें घर का स्वामी है और यह आपके छठे भाव में वक्री गोचर कर रहा है। छठा भाव संघर्ष, अप्रिय काम, तलाक, शत्रुओं आदि का कारक माना जााता है। इस गोचर के दौरान कन्या राशि के जातक शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत नजर आएंगे आप अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होंगे कार्यक्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर आप हावी होंगे। आपके स्वास्थ्य पर गुरु के वक्री का कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है अगर आप किसी तरह की भी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं तो इसमें सफलता पाने के लिए आपको बहुत कड़ी मेहनत करने की जरूरत होगी। इस राशि के जातकों को शादीशुदा जीवन में भी कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
उपायरू गुरु स्तोत्र का पाठ करें। पीले फल का दान करें।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए गुरु उनके तीसरी और छठे भाव का स्वामी है और यह आपके निवेश, संतान, शिक्षा, खेल, शेयर बाजार आदि के पंचम भाव में वक्री गोचर कर रहा है। इस राशि के जातकों को गुरु वक्री के दौरान दांपत्य जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस राशि के जो जातक शादी करना चाहते हैं उनको भी कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है और शादी में देरी भी हो सकती है। आप शेयर बाजार में कोई भी भारी निवेश न करें क्योंकि इस दौरान आपकी उम्मीदों के अनुसार आपको लाभ प्राप्त होने के आसार कम हैं।
उपायरू गाय को गुड़ और रोटी खिलाएं। गुरू मंत्र का जाप करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु द्वितीय और पंचम भाव का स्वामी है। वर्तमान में यह आपके, सुख माता आराम, वाहन आदि के चतुर्थ भाव में वक्री गोचर कर रहा है। आर्थिक रूप से यह समय आपके लिए भाग्यशाली रहेगा और अपने कड़े प्रयासों से आप सफलता भी अर्जित करेंगे। माता के साथ आपके संबंधों में कुछ उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। चतुर्थ भाव में गुरु के होने से प्रॉपर्टी और वाहन का सुख मिलता है साथ ही परिवार वालों का साथ भी इस गुरु के चतुर्थ भाव में होने से मिलता है लेकिन आप खुद को शारीरिक रूप से कमजोर पाएंगे। इस दौरान आपकी आर्थिक स्थिति ठीक-ठाक बनी रहेगी। इस राशि के जातकों को इस गोचर के दौरान सम्मान प्राप्त होगा और आप अपने काम से अवकाश लेकर कुछ फुरसत के क्षण इस दौरान बिता सकते हैं।
उपायरू हर गुरुवार को पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं, विष्णु मंत्र का जाप करें।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए गुरु उनके प्रथम और चतुर्थ भाव का स्वामी है और यह आपके तृतीय भाव में वक्री गोचर करेगा। तृतीय भाव आपके भाई-बहनों, पड़ोसियों, संचार, कम दूरी की यात्राओं, साहस-पराक्रम आदि का कारक माना जाता है। इस दौरान भाई-बहनों के साथ संबंधों में कुछ कटुता आ सकती है और आप उनके साथ संबंधों को लेकर असंतुष्ट हो सकते हैं। आर्थिक रूप से भी आपके लिए समय अच्छा रहेगा इस दौरान आप बहुत ज्यादा महत्वकांक्षी हो सकते हैं आपको संचार करने में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जो चीजें आपके पास हैं उनको व्यवस्थित बनाए रखने में भी आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, चीजों को कैसे व्यवस्थित रखना है इसके लिए नए तरीके आपको सीखने चाहिए।
उपायरू रुद्र अभिषेकम का पाठ करें। हल्दी की गाठ का दान करें।
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मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए गुरु उनके द्वादश और तृतीय भाव का स्वामी है। वर्तमान स्थिति में यह आपके परिवार, वाणी, संचार आदि के द्वितीय भाव में वक्री गति करेगा। इस गोचर के दौरान आपको कुछ अनचाहे खर्च करने पड़ सकते हैं, वित्तीय असंतुलन के कारण आपकी जीवनशैली में भी इस दौरान बदलाव आ सकते हैं। गुरु के इस गोचर के दौरान आपको पैतृक संपत्ति मिलने की पूरी संभावना है लेकिन आपको पता नहीं होगा कि आपको इस संपत्ति का सही इस्तेमाल कैसे करना है। इस गोचर के दौरान आप अपनी सुरक्षा को लेकर संवेदनशील हो सकते हैं। आप इस दौरान अपने पारिवारिक मूल्यों के बारे में सोच विचार तो अवश्य करेंगे लेकिन इनका पालन आप नहीं करना चाहेंगे।
उपायरू गुरुवार के दिन पीले चावल बनाएं और लोगों में बांटें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए गुरु उनके एकादश और द्वितीय भाव का स्वामी है। वर्तमान स्थिति में गुरु उदर से संबंधी आपको कुछ स्वास्थ्य दिक्कतें आ सकती हैं। गुरु आपको वह सभी लाभ और सुरक्षा नहीं देगा जिसकी आप उम्मीद कर रहे थे और आपके जीवन में अवसरों और भाग्य में भी यह कमी ला सकता है। हालांकि आप के प्रथम भाव में गुरु के होने से बौद्धिक रूप से आप मजबूत हो सकते हैं। यह आपको अच्छे गुण भी देगा। यह आपको आकर्षक बनाएगा, आपके स्वास्थ्य में सुधार करेगा और इस परिवर्तन के दौरान सार्वजनिक रूप से और सामाजिक रूप से आपकी उपस्थिति को भी मजबूत बनाएगा।
उपायरू गुरुवार को छात्रों को पढ़ने की सामग्री भेंट करें।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए गुरु उनके प्रथम और दशम भाव का स्वामी है। वर्तमान में यह आपके विदेश यात्राओं, हानि, अलगाव, अस्पताल के द्वादश भाव में वक्री गोचर कर रहा है। बारहवें भाव में गुरु का होना इस राशि के जातकों के लिए उच्च ज्ञान प्राप्त करने के लिए अच्छा रहेगा और दैवीय प्रकृति, ध्यान और अनुसंधान से जुड़ना इस राशि के जातकों के लिए फायदेमंद साबित होगा। इस गोचर के दौरान मीन राशि के जातक निडर होंगे और हर स्थिति का मजबूती से सामना करेंगे। इस राशि के जातक अपने दुश्मनों पर इस दौरान विजय प्राप्त करेंगे। कुछ जातकों को धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में हिस्सा लेते देखा जा सकता है। कुंडली में गुरु की स्थिति के अनुसार कुछ बुरे परिणाम भी कुछ जातकों को प्राप्त हो सकते हैं, आप कई बार उम्मीद से ज्यादा कामनाएं कर सकते हैं लेकिन आपको वैसा परिणाम नहीं मिलेगा जैसा आप चाहते थे, जिससे आपको परेशानियां हो सकती हैं।
उपायरू गुरु मंत्र का जाप करें। चने की दाल और गुड का दान करें।
पंडित – प्रिय शरण त्रिपाठी ज्योतिश्चार्य
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