रायपुर. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने शिक्षाकर्मियों की मांगों का समर्थन करते हुए भाजपा सरकार के दमनात्मक रवैये की कड़ी निंदा की है. पार्टी ने कहा है कि अब सरकार में इतना नैतिक बल भी नहीं बचा है कि वह जायज मांगों पर हो रहे आंदोलनों का सामना कर सके.
माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने धरना कर रहे शिक्षाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि जोगी सरकार ने भी शिक्षाकर्मियों पर बर्बर लाठीचार्ज किया था. जो कांग्रेस की हार का कारण बना था. अपने संकल्प और घोषणा के बावजूद शिक्षाकर्मियों को नियमित शिक्षक बनाने के वादे को आज भाजपा ने ‘जुमला’ में बदल दिया है.
माकपा नेता ने कहा कि शिक्षाकर्मियों का संघर्ष केवल उनके वेतन-भत्तों की लड़ाई नहीं है, बल्कि शिक्षा के निजीकरण और बच्चों के भविष्य को चौपट करने की नीति के खिलाफ भी संघर्ष हैं. उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में समाज के सभी संवेदनशील तबकों का समर्थन उन्हें हासिल हैं.