राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मध्यप्रदेश को केंद्र सरकार की मदद से ऑक्सीजन तो मिल गई. लेकिन अब राज्य सरकार के पास एक और मुसीबत आन पड़ी. सरकार को ऑक्सीजन तो मिल गया. लेकिन अब शिवराज सरकार के पास ऑक्सीजन लाने के लिए टैंकर कम पड़ गए हैं.
बता दें कि सरकार को केंद्र सरकार की मदद से राज्य सरकार को 450 टन ऑक्सीजन मिल गई है. लेकिन सरकार पर उसे लाने के मुसाबित आन पड़ी है. वहीं अब सरकार के आला अधिकारी ऑक्सीजन लाने के लिए टैंकर की व्यवस्था करने में जुटे गए हैं. जिसके चलते अतिरिक्त परिवहन आयुक्त कोलकाता पहुंचे हैं. हालांकि सरकार ऑक्सीजन के लिए निजी क्षेत्र से पांच टैंकर किराए पर लेने पड़े हैं.
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गौरतलब है कि सरकार ने 55 ऑक्जीजन टैंकर का बंदोबस्त तो कर लिया है, लेकिन अभी भी सराकर को 65 टैंकरों की जरूरत पड़ेगी. तब जाकर कहीं टोटल 120 टैंकरों में ऑक्सीजन लाया जा सकेगा.
मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए शिवराज सरकार ने केंद्र सरकार से सहयोग की मांग की थी. जिसके चलते अब केंद्र सरकार ने गुरूवार को प्रदेश को 450 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की हैं. जिसके चलते प्रदेश को केंद्र सरकार की मदद से आईनॉक्स (गुजरात) से 120 मीट्रिक टन, आईनॉक्स (देवरी) 40 मीट्रिक टन, आईनॉक्स (मोदीनगर) 70 मीट्रिक टन, लिंडे (भिलाई) 60 मीट्रिक टन, स्टील ऑथोरिटी ऑफ़ इंडिया (भिलाई) 80 मीट्रिक टन, लिंडे (राउरकेला) 40 मीट्रिक टन और स्टील ऑथरिटी ऑफ इंडिया (राउरकेला) से 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली है.
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हालांकि एक तरफ जहां सरकार के पास ऑक्सीजन लाने के लिए टैंकर नहीं हैं, वहीं दूसरी तरफ सरकार अब ऑक्सीजन के टैंकर को लाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने की योजना बना रही है. इस मामले पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का ने बताया कि ग्रीन कॉरिडोर बनाने का यही उद्देश्य है कि समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित हो. ऑक्सीजन के टैंकर आ- जा सकें, इसीलिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा.