सत्यपाल सिंह,रायपुर। राजधानी के कुशालपुर निवासी अमित अग्रवाल ने कोरोना बीमारी में होम आइसोलेशन के अनुभव को साझा किया है. उन्होंने कहा कि उनकी फैमिली के 6 लोग पॉजिटिव आ गए थे. इसमें उनकी 67 साल के मां भी शामिल है. 29 अप्रैल को ठीक होने के बाद उनका होम आइसोलेशन समाप्त हो गया.

अमित अग्रवाल ने बताया कि जब हमको पता चला कि मेरी मां कोरोना पॉजिटिव है, तो थोड़ी चिंता हुई. वर्तमान में कोरोना वायरस युवा और बुजुर्ग दोनों को हो रहा है. हम लोगों को ऐसे ज्यादा कोई लक्षण नहीं थे. हमें सुगंध आ रही थी. थोड़ी कमज़ोरी बस था. हमने सोचा कि हम गवर्नमेन्ट डॉक्टर्स से सलाह लें. गवर्नमेंट्स डॉक्टर्स अपने से जो बेस्ट हो सकता है, वो काम कर रहे है.

उन्होंने आगे बताया कि जब मैंने होम आइसोलेशन का फॉर्म भरा, तत्काल मुझे गवर्नमेंट डॉक्टर अप्पोइन्ट हो गया, जो डॉ. निकिता अग्रवाल थी. मैंने उनसे डिस्कस किया उनको अपनी सारी बाते बताई. उन्होंने कहा कि आप सब होम आइसोलेशन के लिए योग्य है. हमने डॉक्टर के बताए अनुसार कीमती सुझाव का इमानदारी से पालन किया. हमको एक दिन भी ऐसा नहीं लगा कि हमें हॉस्पिटल जाने की जरूरत है.

अमित ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस बीमारी से लड़ने के लिए जीवन के प्रति सकारात्मक सोच होना जरूरी है. कोरोना होने पर हमें तनाव लेने की जरूरत नहीं है. अगर हम जल्दी ठीक होना चाहते हैं, तो हमें सोशल मीडिया की कोरोना से संबंधित भ्रामक जानकारी को अनदेखी करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि अगर आपको ज्यादा माइल्ड सिम्पटम्स है, तो आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें. उनसे चेक कराइये कि आपको अस्पताल की जरूरत है कि नहीं है ? अगर नहीं है, तो अनावश्यक रूप से हॉस्पिटल में एडमिट होने की कोशिश न करें, क्योंकि हमारा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर जनसंख्या के मुताबिक एक लिमिटेड़ कैपिसिटी का है.

अमित ने कहा कि आप होम आइसोलेशन के माध्यम से ठीक हो सकते है, तो हॉस्पिटल के लिए दौड़ा-भागी न करें. क्रिटिकल कंडीशन के मरीजों को हॉस्पिटल के लिए अवसर दें. साथ ही उन्होंने होम आइसोलेशन के दौरान डॉक्टर की सुझाव का पालन करें. अमित ने कहा ‘थैंक यू डॉक्टर’.

read more- Aggressiveness towards Hacking: Indian Organizations under Chinese Cyber Attack