आपदा को अवसर बनाने वालों की कमी नहीं है. गुजरात से एक ऐसे गिरोह का खुलासा हुआ है जो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने के लिए नमक और ग्लूकोज का इस्तेमाल करते थे.

गुजरात पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले एक राज्यव्यापी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. इस मामले में मोरबी, अहमदाबाद, सूरत में अलग -अलग जगहों पर दबिश देकर 6 आरोपियों को पकड़ा है. इनके पास से 1.61 करोड़ रुपए कीमत के 3371 इंजेक्शन, 90 लाख की नकदी बरामद की गई है. कुल दो करोड़ 73 लाख से अधिक का माल जब्त किया है.

मोरबी पुलिस ने मोरबी कृष्णा चैम्बर में ओम एन्टिक जोन नाम की ऑफिस में दबिश देकर राहुल कोटेचा, रविराज लुवाणा को को 41 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन और 2.155 लाख नकदी के साथ पकड़ा था. इस मामले में आरोपियों की पूछताछ में सामने आया कि वो ये नकली इंजेक्शन अहमदाबाद के रहने वाले आसिफ के पास से लेकर आए थे.

ये खुलासा होने पर मोरबी एलसीबी की एक टीम अहमदाबाद पहुंची और अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के एसीपी डीपी चुड़ास्मा व उनकी टीम की मदद से जुहापुरा में दबिश देकर मो. आसिम उर्फ आसिफ तथा रमीज कादरी को पकड़ लिया. आरोपियों के मकान से 56 लाख रुपए से ज्यादा कीमत के 1170 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुए. इसके अलावा इंजेक्शन बेचकर जुटाए गए 17 लाख 37 हजार रुपए जब्त किए गए.

पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक इन दोनों आरोपियों की पूछताछ में सामने आया कि वे इन इंजेक्शनों को सूरत के रहने वाले कौशल वोरा के पास से लाए थे. जिस पर एक टीम को सूरत भेजी गई और सूरत क्राइम ब्रांच के एसीपी आरआर सरवैया की टीम की मदद से सूरत जिले की ओलपाड तहसील के पिंजरत स्थित फार्म हाऊस पर दबिश दी. फार्म हाऊस से कौशल वोरा, उसका पार्टनर पुनित शाह को पकड़ लिया गया. यहां से 160 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन, 74.70 लाख की नकदी बरामद की गई.

फार्म हाऊस से रेमडेसिविर इंजेक्शन की 63 हजार कांच की शीशी बरामद हुईं. इसके अलावा इन शीशियों पर लगाने के लिए रखे 30 हजार स्टीकर, शीशी को सील करने वाली मशीन बरामद की गई. बताया जा रहा है कि आरोपियों ने मुंबई की एक प्रिंटिंग प्रेस में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के स्टीकर प्रिंट करवाए थे.

आरोपियों की पूछताछ और प्राथमिक जांच में सामने आया कि आरोपी जिस इंजेक्शन को रेमडेसिविर के नाम पर 2500 और 20 हजार रुपए कीमत पर बेचते थे, वह नकली थे. उसे आरोपी ग्लूकोज और नमक को मिश्रित करके बनाते थे.