भोपाल। आयुष्मान योजना के तहत कोरोना मरीजों का मुफ्त इलाज की योजना कमलनाथ सरकार के समय बनी थी। इस्तीफा देने के पहले ही कमलनाथ ने इसे लेकर आदेश जारी किये थे। कोरोना से आयुष्मान कार्ड वालों का ही नहीं सभी के मुफ्त इलाज कराने के आदेश जारी किये गए थे। शिवराज सरकार केवल दिखावा कर रही है। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री कमलना का।
कमलनाथ ने कहा, “कोरोना के सभी मरीजों के मुफ्त इलाज का फैसला लिया था। इस्तीफा देने के पहले आदेश जारी कराया था। इसका पूरा सबूत है। मुझे हमेशा प्रदेश वासियों की चिंता थी। मुझे फैलता कोरोना की चिंता थी इसलिए मैं ने कोरोना से लड़ने की तैयारी की। मेरे लिए हुए इस निर्णय के 1 साल बाद प्रदेश सरकार द्वारा इसे लागू करने की बात शिवराज जी कह रहे हैं। ये केवल आयुष्मान कार्ड वालों के लिए ही है। जबकि मैंने सभी के मुफ्त इलाज का निर्णय लिया था।”
कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर झूठे प्रचार का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश का नागरिक निजी अस्पतालों में इलाज कराकर कर्जदार बन गया है। उन्होंने कहा कि मुफ्त इलाज के निर्णय लेने में शिवराज सरकार को 1 साल का वक्त क्यों लग गया।
कमलनाथ ने कहा, ” साल भर में भाजपा झूठ प्रचार करती रही कि मैं ने कोरोना को लेकर कोई तैयारी नहीं की। जबकि मैं ने मुफ्त इलाज का आदेश दिया था। अब शिवराज जी गरीबों के झूठे भगवान बन रहे हैं और प्रचार में लगे हुए हैं। अब प्रदेश का आम नागरिक निजी अस्पतालों में लुटकर कर्जदार हो गया है। मैं कुछ पूछना चाहता हूं कि मुफ्त इलाज के निर्णय को लागू करने में साल भर क्यों लगाया। जब तीन माह से कोरोना चरम पर था और प्रदेश के नागरिक निजी अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च कर इलाज करा रहे थे, तब सरकार मुफ्त इलाज के लिए देश के निजी अस्पतालों से करार क्यों नहीं किया। क्या सरकार के जिम्मेदारों को एक साल पहले के इस निर्णय का पता नहीं था जो मैं ने लिया था। मैं तो शिवराज जी से कहना चाहता हूं कि झूठा प्रचार करना बंद करें। प्रदेशके सभी नागरिकों के मुफ्त इलाज के मेरे निर्णय को लागू करें। यह मेरा निर्णय था”