रायपुर। राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस संकट से पूरा विश्व संघर्ष कर रहा है. हर वर्ग इस महामारी से प्रभावित हुआ है. सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, वाणिज्यिक, औद्योगिक हर क्षेत्र महामारी से प्रभावित है. संकट के इस काल में आवश्यकता है, सही समय पर सही निर्णय लेने की और यह संभव जागरुकता से है. महामारी से निपटने के लिए युवाओं की भागीदारी को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है. यह बातें राज्यपाल उइके ने मैट्स विश्वविद्यालय के ’कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई और निकट भविष्य में युवाओं की भूमिका’ पर आयोजित वेबिनार में कहीं है.

राज्यपाल अनुसुइया उइके ने मैट्स विश्वविद्यालय के सत्र 2021-22 के ब्रोशर का वर्चुअल विमोचन किया. विश्वविद्यालय द्वारा करोनाकाल के दौरान नियमित रूप से जारी ऑनलाइन शैक्षणिक गतिविधियों की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस वास्तविकता को नकारा नहीं जा सकता कि बिना जन-सहयोग के अकेले सरकार द्वारा इस संकट से उबरना संभव नहीं है. जन-सहयोग के लिए आवश्यक है लोगों का जागरुक होना. कोरोना को पूर्णरूपेण समाप्त करने के लिए हर व्यक्ति यह संकल्प ले कि वह अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करेगा. बार-बार हाथ साफ करेगा. स्वच्छता रखेगा व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेगा.

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इसके साथ ही पात्र व्यक्ति वैक्सीन लगाकर इस महामारी से उबरने में सहयोग प्रादन करें. वे स्वयं के साथ अपने परिवार, समाज, राज्य व राष्ट्र को सुरक्षित रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं. लोग धीरे-धीरे वैक्सीन को लेकर जागरुक हो रहे हैं, लेकिन अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहर के लोगों में भी अनके भ्रांतियाँ हैं, जिन्हें जागरुकता के माध्यम से दूर किया जा सकता है. वैक्सीन लगाने के बाद भी हमें पूरी सावधानी रखनी आवश्यक है.

उइके ने कहा कि इस महामारी के दौर में हम सभी का यह सामूहिक दायित्व और कर्तव्य है कि हम सभी एकजुट होकर इस संकट से उबरने में जन-सहयोग में अपनी-अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें. महामारी से प्रभावित समाज के जरूरतमंद लोगों तक राहत और सुविधाएं पहुंचाने में सामाजिक संस्थाएँ, राजनीतिक दल शासन-प्रशासन के साथ मिलकर कार्य करे. महामारी से बचाव के लिए आज टीकाकरण के लिए लोगों को जागरूक करने की महत्ती आवश्यकता है. इसमें विश्वविद्यालय के छात्र, शिक्षक, प्राध्यापक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. इस दौरान मैट्स विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और प्राध्यापकों ने कोरोना के खिलाफ दिये गये अपने योगदान के अनुभवों को भी साझा किया.

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कुलाधिपति गजराज पगारिया ने कहा कि राज्यपाल ने पूर्व में भी उच्च शैक्षणणिक संस्थाओं द्वारा कोरोनाकाल में जागरुकता अभियान के प्रति प्रेरित किया गया था. इस पर अमल करते हुए मैट्स विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों द्वारा पोस्टर, स्लोगन, आडियो-वीडियो ग्राफिक्स के माध्यम से लोगों को महामारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के प्रयास निरंतर जारी है. प्राध्यापकों, अधिकारियों, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म बेबसाइट, व्हाटसएप, फेसबुक, टयूटर, इंस्टाग्राम और मेसेज, ई-मेल आदि के माध्यम से टीकाकरण अभियान के लिये भी प्रेरित किया जा रहा है.

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इसके पूर्व स्वागत भाषण में मैट्स विश्वविद्यालय के कुलसचिव गोकुलानंदा पंडा ने कोरोनाकाल वर्ष 2020 से अब तक विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की गई आनलाइन गतिविधियों की जानकारी प्रदान की. उन्होंने कहा कि वियार्थियों की आनलाइन पढ़ाई के साथ-साथ संकट के इस दौर में काउंसलिंग भी की जा रही है. विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी ग्रमीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं.

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राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कोरोना महामारी के दौरान मैट्स विश्वविद्यालय के कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा कि मैट्स विश्वविद्यालय राज्य का प्रथम निजी विश्वविद्यालय है, जिसने बहुत ही अच्छे विषय पर इस वेबिनार का आयोजन किया है. जो समसामयिक व समय की मांग के अनुरूप है. उन्होंने मैट्स के उन विद्यार्थियों की सराहना भी कि जिन्होंने कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने कहा कि कुलाधिपति संकटकाल में उच्च शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में गजराज पगारिया के प्रयास काफी सराहनीय हैं. मैट्स विश्ववियालय द्वारा तकनीकी का समय पर सदुपयोग कर आनलाइन कक्षाओं और परीक्षा का आयोजन किया गया जो अच्छे प्रयास हैं.

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