आशुतोष तिवारी,जगदलपुर। कोरोना वायरस लोगों की जिंदगी छीन कर कईयों को रूला रहा है. बेघर कर कर रहा है. दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर रहा है. छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में भी 4 मासूम बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया. बच्चे अनाथ हो गए. उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं बचा है.

दरअसल नेगीगुड़ा में रहने वाले मुकेश श्रीवास कोरोना की जंग से हार गए. एक महीने पहले ही उनकी पत्नी की भी बीमारी से मौत हो गई थी. मुकेश श्रीवास अपने परिवार के पालन पोषण के लिए घर-घर जाकर हेयर कटिंग का काम करते थे. रहवासियों के मुताबिक कुछ दिन से मुकेश श्रीवास बीमार चल रहा था. इलाज के लिए गांव के मितानित ने डिमरापाल ले गए, जहां जांच के दौरान उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई. बेहतर इलाज के लिए डिमरापाल मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

4 से 12 वर्ष के हैं सभी बच्चे

मुकेश की मौत के बाद रेडक्रॉस के उपाध्यक्ष एलेग्जैंडर ने पूरे विधि विधान के साथ उनका दाह संस्कार करवाया. अब विपदा यह है कि इस दंपत्ति के 4 मासूम छोटे बच्चे है. जिनकी उम्र करीब 4 वर्ष, 6 वर्ष, 10 वर्ष और 12 वर्ष है. इन बच्चों के सिर से मां-बाप का साया उठ गया है. चारों बच्चे अनाथ हो गए हैं. तहसीलदार पुष्पराज ने बच्चों का कोरोना जांच करवाकर महिला बाल विकास विभाग के संरक्षण में दे दिया है. जिससे उनकी अच्छे से देखभाल हो सके और कोई परेशानी न हो.

बेसहारा बच्चों को महिला एवं बाल विकास विभाग दे रहा पनाह

कोरोना कहर के चलते जिले में ऐसे कई गरीब तबके के परिवार हैं, जिन पर कोरोना की वजह से आफत टूट पड़ी है. कोरोना संक्रमण में मां-बाप की मौत के बाद कई बच्चे अनाथ हो गए हैं. ऐसे में बेसहारा बच्चों को महिला एवं बाल विकास विभाग पनाह दे रही है.

गांवों में कराई गई मुनादी

जिला बाल संरक्षण अधिकारी विजय शंकर शर्मा ने बताया कि इसके लिए शहर और गांव में मुनादी करवाई जा रही है. जिले के पंच, सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्यों से लेकर सर्व समाज प्रमुखों से आग्रह किया गया है कि ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मौत कोरोना वायरस से हुई है. उनकी जानकारी तत्काल उपलब्ध करवाएं.

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