बस्तर- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज बस्तर जिले के प्रवास के दौरान वहां प्रदेशव्यापी बिजली तिहार का शुभारंभ किया. उन्होंने इस अवसर पर ग्राम महुपाल बरई (परचनपाल) में छत्तीसगढ़ के तीसरे सबसे बड़े 400/220 के.व्ही. क्षमता के विद्युत सब-स्टेशन और पारेषण लाईन का लोकार्पण किया. इसका निर्माण लगभग 633 करोड़ रूपए की लागत से किया गया है. उल्लेखनीय है कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा इसके पहले रायपुर जिले के ग्राम रैता (विकासखण्ड धरसींवा) और दुर्ग जिले के ग्राम खेदामारा (भिलाई) में भी इतनी ही उच्च शक्ति के विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण किया जा चुका है. मुख्यमंत्री ने आज बस्तर जिले के ग्राम महुपाल बरई (परचनपाल) में इस नये शक्तिशाली विद्युत उपकेन्द्र का लोकार्पण करने के बाद ग्राम भिरलिंगा में विशाल जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने वहां पर जिले को अन्य अनेक निर्माण कार्यों की भी सौगात दी.
डॉ. सिंह ने आज के कार्यक्रम में सब मिलाकर लगभग 765 करोड़ के 30 निर्माण कार्यों का लोकार्पण, भूमिपूजन और शिलान्यास किया. बिजली तिहार के अवसर पर भिरलिंगा में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा – बिजली तिहार का मतलब बस्तर का नये युग में प्रवेश करना है. अब बस्तर में किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा या किसी अन्य आकस्मिक परिस्थिति में कभी अंधेरा नहीं होगा. छत्तीसगढ़ के इतिहास में ग्राम खेदामारा (जिला दुर्ग) और रैता (विकासखंड-धरसींवा, जिला रायपुर) के बाद 400/200 के.व्ही. के इतने बड़े विस्तार कार्य की शुरूआत हो रही है. यही बिजली तिहार है. इसने बस्तर को हमेशा के लिए अंधेरे से मुक्ति दिला दी है. 06 महीने के भीतर बस्तर में ऐसा कोई भीं गांव नहीं होगा जहां पर बिजली नहीं होगी. इस तिहार की खुशी का एहसास मुझे उन बच्चियों के चेहरे में दिखी जिन्होंने आज मिलकर सौभाग्य योजना के तहत घर-घर बिजली पहुंचाने के लिए धन्यवाद दिया.
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज प्रदेशव्यापी बिजली तिहार के अवसर पर बस्तर संभाग के मुख्यालय ग्राम महुपाल बरई (परचनपाल) में 633 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित 400 / 200 के.व्ही. विद्युत सब-स्टेशन और महुपाल बरई-बारसूर पारेषण लाइन का शिलान्यास किया. इसके बाद वे बस्तर जिले के ग्राम भिरलिंगा में 14 साल बेमिसाल कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां पर 764 करोड़ 75 लाख रूपए के निर्माण कार्यों की सौगात दी. इनमें से उन्होंने कुल 662 करोड़ 42 लाख रूपए के 15 पूर्ण हो चुके निर्माण कार्यों का लोकार्पण और 102 करोड़ 32 लाख रूपए के 15 नये स्वीकृत निर्माण कार्यों का भूमिपूजन शामिल है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका और जनमन का भी विमोचन किया.
मुख्यमंत्री ने कहा – एक जून 2007 को बस्तर के झाराघाटी में नक्सलियों द्वारा बिजली की लाइन काट दी गई थी. पूरा बस्तर 12 दिनों तक अंधेरा से जूझता रहा. यहां के निवासियों, विद्यार्थियों को तकलीफों का सामना करना पड़ा. उसी दिन मैंने बस्तर को इस संकट से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया था. उन्होंने कहा- मैंने यह तय किया था कि बिजली का एक ऐसा नेटवर्क विकसित करेंगे कि बस्तर में हमेशा रौशनी रहेगी. आज वह सपना पूरा हो रहा है. उन्होंने कहा कि बिजली तिहार का मतलब हर घर में बिजली पहुंचाना है।. अबूझमाड़ में भी बिजली पहुंचाएंगे. जहां पर संभव नहीं होगा वहां पर सोलर ऊर्जा के जरिए बिजली दी जाएगी. लगभग 50 हजार परिवारों को सोलर सेट दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा- कृषक जीवन ज्योति योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए सालाना अधिकतम 7500 यूनिट की बिजली निःशुल्क दी जा रही है और पम्प कनेक्शन भी दिया जा रहा है.
डॉ सिंह ने कहा-तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक विकसित छत्तीसगढ़ का सपना देखा था. उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया था. विकसित छत्तीसगढ़ का उनका सपना तभी पूरा होगा जब संपूर्ण बस्तर संभाग भी विकसित हो जाएगा. उनके सपना तेजी से साकार हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा बस्तर में बेहतर से बेहतर कनेक्टिविटी दी जा रही है. सुकमा और बीजापुर से लेकर संभाग के कोने कोने में सड़को का जाल बिछाया जा रहा है. जगदलपुर से रावधाट तक रेल कनेक्टिविटी स्थापित की जा रही है. इससे रेलमार्ग के जरिए बस्तर सीधे पूरी दुनिया से जुड़ जाएगा. निकट भविष्य में बस्तर अंचल के लोगों को एयर कनेक्टिविटी की भी सुविधा मिलेगी. साथ ही मोबाइल कनेक्टिविटी भी स्थापित की जा रही है. राज्य सरकार स्काई योजना के तहत बस्तर सहित अन्य दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाइल टॉवर लगवाएगी. प्रदेश के 55 लाख लोगों को स्मार्ट फोन दिया जाएगा. डॉ. रमन सिंह ने बस्तरवासियों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत स्मार्ट कार्ड और नोनी सुरक्षा योजना का लाभ लेने की अपील की. उन्होंने कहा कि बस्तर में अब बदलाव आ रहा है. शीघ्र ही बस्तर को नक्सलवाद से मुक्ति मिलेगी और बस्तर में शांति की रोशनी आएगी.