नई दिल्ली। देश की सबसे शक्तिशाली जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो CBI के प्रमुख का पद मार्च महीने से ही रिक्त पड़ा है. CBI चीफ पद से ऋषि कुमार शुक्ल के सेवानिवृत्त होने के बाद से ही केंद्रीय एजेंसी को अपने नए प्रमुख की तलाश है. भारत के प्रधान न्‍यायाधीश एनवी रमना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में बनी समिति की बैठक में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को पीएम निवास पहुंचे. समिति में CJI के अलावा लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हैं. इस समिति को केंद्रीय जांच ब्‍यूरो (CBI) का अगला निदेशक (डायरेक्‍टर) चुनना है.

कौन होंगे CBI के नए मुखिया ?

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवारत 1984, 1985, 1986, और 1987 बैच के वरिष्ठतम अधिकारी इस पद के लिए उम्मीदवार की दौड़ में हैं. वर्तमान में 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी और सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा सीबीआई निदेशक का प्रभार संभाल रहे हैं.

नए CBI प्रमुख के चयन कमेटी की बैठक

समिति को चार वरिष्‍ठतम बैचों (1984-87) के IPS अधिकारियों में से किसी एक को अगला CBI प्रमुख चुनना है. करीब चार महीने की देर के बाद यह बैठक आयोजित हुई है.

CBI प्रमुख की दौड़ में मुख्‍य रूप से असम-मेघालय कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी और NIA के महानिदेशक वायसी मोदी, गुजरात कैडर के बीएसएफ के डीजी राकेश अस्‍थाना और हरियाणा कैडर के आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल शामिल हैं.

इसके अलावा यूपी के डीजीपी एससी अवस्‍थी, केरल के डीजीपी लोकनाथ बेहरा, रेलवे प्रोटेक्‍शन फोर्स के डीजी अरुण कुमार और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के डीजी एसके जायसवाल भी दावेदारी में हैं. कमेटी कुल मिलाकर 1984-87 बैच के 100 अधिकारियों के नामों पर विचार किया जाएगा.

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