रायपुर। लल्लूराम डॉट कॉम की ख़बर का एक बार पिर बड़ा असर हुआ है.  प्राइवेट हॉस्पिटलों मनमानी तरीके से मरीजों से पैसे वसूलते थे, जिसकी खबर लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसके बाद आदेश जारी किया गया है. अब कोविड इलाज करने वाले प्राइवेट हॉस्पिटलों का ऑडिट होगा. मरीज़ के इलाज संबंधी प्रिस्क्रिप्शन बिल, विभिन्न तरह की जांच रिपोर्ट सहित तमाम दस्तावेज़ खंगाले जाएंगे.

प्राइवेट हॉस्पिटलों का होगा ऑडिट

जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मीरा बघेल ने कहा कि हॉस्पिटल से मरीज़ों को दिए गए बिल देखकर हैरान है कि आख़िर इतने बिल कैसे बन गए हैं. कौन सी दवा दी गई है. इसलिए ऑडिट कराया जाएगा, ताकि आगे कभी भी ज़रूरत हो तो ऐसी नौबत न आए. तीन सदस्यीय टीम दस्तावेज़ का अवलोकन करेंगे. जिला चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि बिल देखकर हैरान हैं किआख़िर इतने राशि लगी कैसे.

जांच रिपोर्ट सहित खंगाले जाएंगे दस्तावेज

साथ ही बताया कि हॉस्पिटल में से मरीज़ की पूरी फ़ाइल मंगाई जाएगी, जिसमें हॉस्पिटल में बने बिल मरीज़ का प्रिस्क्रिप्शन अन्य जांच रिपोर्ट जैसे तमाम दस्तावेज़ मंगाकर तीन सदस्यीय टीम इन सभी दस्तावेज़ का अवलोकन करेंगे. क्या ग़ैर ज़रूरी दवा दी गई है, हाई फ़ाई एंटीबॉडी टैबलेट देने के पीछे का क्या कारण है. अगर स्टॉरायड दी गई है. कितने मात्रा में दी गई है.

तीन सदस्यीय टीम में एक सदस्य इंडियन मेडिकल एसोसिएशन दूसरा सदस्य मेडिकल कॉलेज और तीसरे सदस्य और जिला चिकित्सा कार्यालय से रहेंगे. एक हॉस्पिटल से 10 मरीज़ों का फ़ाइल लिया जाएगा. पहले दिन पांच हॉस्पिटल से फ़ाइल मंगाया जाएगा.

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बता दें कि लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने गहरे संकट काल में निजी कोविड हॉस्पिटल मानवता की बजाए मुनाफे पर ध्यान दे रहे थे. इस खबर को प्रमुखता से प्ररकाशित किया था. इसके बाद आदेश दिए गए हैं. आयुष्मान और ख़ूबचंद बघेल योजना के तहत 20% बेड को आरक्षित किया गया है, लेकिन रायपुर के अनेक निजी अस्पतालों ने एक भी मरीज का इन योजनाओं के तहत इलाज नहीं किया जा रहा था. यही नहीं स्वास्थ्य विभाग के नोटिस तक का जवाब देना इन अस्पतालों ने मुनासिब नहीं समझा. इसके बाद नोटिस जारी किया गया है.