बाराबंकी. तहसील रामसनेहीघाट में 100 वर्ष पुरानी मस्जिद को ध्वस्त करवाने मे शामिल रहे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रशिक्षु आइएएस दिव्यांशु पटेल को शासन ने हटाते हुए सीडीओ उन्नाव बनाकर तबादला कर दिया. वहीं बहुचर्चित मस्जिद ध्वस्त करवाने के बाद कार्यवाई के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड व सुन्नी धर्मगुरुओं ने मामले में दिव्यांशु पटेल के विरुद्ध कार्यवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था. उसके बाद से मामला काफी सुर्खियों बना था.
हालांकि एक महीने के भीतर आरोपी ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट के तबादले से मामला शांत होता दिख रहा है, लेकिन क्या इस पूरे मामले में संबंधित तहसील के उपजिलाधिकारी अपने मन से इतनी बड़ी कार्यवाई कर सकते हैं. कहीं न कहीं जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह भी इस धार्मिक मामले में जिलाधिकारी पर क्यों न कार्यवाई हो.
बताते चलें कि तहसील परिसर में स्थित उपजिलाधिकारी आवास के निकट एक मस्जिद जो ब्रिटीश काल स्थापित हुई थी. उसे जिलाधिकारी के निर्देश के बाद बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त करवा दिया गया. उस मामले ने तूल तब पकड़ा जब धर्म गुरुओं ने पूरे मामले में जगह-जगह प्रदर्शन किया था.
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कुछ राजनीतिक दलों ने मस्जिद ध्वस्तीकरण के मुद्दे को धार्मिक भावनाओं से जोड़कर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा था. जिसमें प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी, बसपा व भीम आर्मी ने ज्ञापन दिया था. हालांकि दिव्यांशु पटेल के अचानक तबादले को इससे जोड़कर एक विशेष समुदाय के लोग देख रहे हैं.
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