शब्बीर अहमद, भोपाल। कोरोना काल में पिछले एक साल से अपनी जान की परवाह किये बिना डॉक्टर-जूनियर डॉक्टर भी मरीजों की सेवा में लगे हैं। कोरोना मरीजों के इलाज के दौरान कई डॉक्टरों की मौत भी हो गई है। इसके बावजूद प्रदेश के डॉक्टर-जूनियर डॉक्टर दिन रात काम कर रहे हैं। इन सबके बीच अपनी पुरानी मांगों को लेकर प्रदेश में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। जूडा की इस हड़ताल को खत्म करने के लिए सरकार पर पुलिस का इस्तेमाल करने का आरोप लगा है। आरोप है कि आंदोलन खत्म करने पुलिस के द्वारा परिवार पर दबाव बनवाया जा रहा है।
जूडा भोपाल के अध्यक्ष डॉ हरीश पाठक ने अपना एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया है कि सिंगरौली स्थित उनके निवास में देर रात पुलिस अधिकारी पहुंचे और 2 घंटे तक उनके बुजुर्ग पिता से बेवजह पूछताछ की। वीडियो में पाठक का आरोप है कि पूछताछ के बाद उनके पिता ने उन्हें फोन कर वाक्ये की जानकारी दी और कहा कि पढ़ाई लिखाई छोड़ कर घर आ जाओ। आंदोलन से कुछ नहीं मिलेगा उल्टे पुलिस हमें प्रताड़ित करने में लग गई है।
डॉ हरीश पाठक ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि इस कोरोना काल में साल भर मैं ने काम किया, अपने बूढ़े माता पिता से मिलने तक घर नहीं गया। दो-दो तीन-तीन दिन तक उन्हें फोन नहीं कर पाया। मुझे सरकार ने कोविड में काम करने का ये इन्सेंटिव दिया है कि बूढ़े मां बाप को पुलिस द्वारा परेशान कराया जा रहा है।
इस पूरे मामले में जूडा का बयान सामने आया है। जूडा का कहना है कि सरकार जिन्हें कोरोना वॉरियर कहती है उनके परिवार को आज आंदोलन वापस लेने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है।
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