रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) भारत सूचकांग 2020-21 में छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है. रिपोर्ट में किए गए सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय मापदंडों में राज्य की स्थिति काफी पिछड़ी हुई हैं. रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ देश में 15वें नंबर पर है. 2018 में भी प्रदेश 15वें स्थान पर ही था. इससे साफ जाहिर है कि पिछले ढाई सालों में प्रदेश में विकास की गति पर ब्रेक लग गया है. इस दौरान किसी भी क्षेत्र में विकास के कोई भी कार्य नहीं किए गये हैं.

गरीबी कम करने में फिसड्डी भूपेश सरकार

डॉ. रमन ने आगे कहा कि प्रदेश की विकास गति का रूक जाना गंभीर चिंता का विषय है. इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि एसडीजी के लक्ष्य 1 यानी गरीबी खत्म (no poverty) करने के मामले में कांग्रेस सरकार फिसड्डी ही साबित हुई है. नीति आयोग के 2018 के आंकड़ों में प्रदेश को 50 अंक प्राप्त थे, जो 2019 और 2020 में 49 अंक हो गए. इसका मतलब यह हुआ कि पिछले ढाई वर्षों के भूपेश बघेल की सरकार में प्रदेश में गरीबी बढ़ी है. साथ ही सरकार ने गरीबी उन्मूलन की दिशा में कोई भी सार्थक कार्य नहीं किया है. प्रदेश में लगातार गरीबी की दर बढ़ती जा रही है. यह इस सरकार की कुनीतियों और अकर्मण्यता का ही प्रतीक है.

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भूखे रहने वाले लोगों की संख्या बढ़ी

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार शून्य भूख (No Hunger) के एसडीजी गोल के मामले में तो छत्तीसगढ़ की स्थिति बेहद दयनीय है. इस रिपोर्ट में प्रदेश से भुखमरी हटाना, खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराना, पोषक आहार उपलब्ध कराना और सतत कृषि (sustainable agriculture) को बढ़ावा देना आता है. इसी के आधार पर राज्यों को रैंक दी जाती है. वर्ष 2018 की बात करें तो शून्य भूख लक्ष्य के मामले में प्रदेश को 46 अंक प्राप्त थे, जो कि 2019 में यह अंक घटकर 37 हो गए. अब वर्ष 2020 में यह अंक घटकर 27 हो गए हैं. यह दुखद स्थिति है कि कांग्रेस सरकार प्रदेश के लोगों को भोजन तक उपलब्ध नहीं करा पा रही है. भूपेश सरकार बनने के बाद लगातार भुखमरी बढ़ रही है. ढाई साल में भूख से मरने वालों की कई घटनाएं तक सामने आई हैं. प्रदेश की जनता को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने में कॉंग्रेस सरकार असफल होती जा रही है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार सतत कृषि को बढावा देने में भी नाकाम साबित हो रही है.

अर्श से फर्श तक आता छत्तीसगढ़

नीति आयोग सतत विकास लक्ष्य 15 तहत जमीन पर जीवन (life On land) अर्थात पृथ्वी के ईको सिस्टम में बेलेंस बनाकर रखना. वृक्षों की कटाई, जैव विविधता का संरक्षण, प्राकृतिक बसाहट का नुकसान आता है. इस लक्ष्य में छत्तीसगढ़ हमेशा अव्वल रहा है. 2018 में तो प्रदेश को 100 प्राप्त हुए थे और संयुक्त रूप से देश में पहले स्थान पर था. लेकिन कांग्रेस की सरकार बनते ही जहां प्रदेश को वर्ष 2019 में 97 अंक मिले तो वर्ष 2020 में प्रदेश यह घटकर 65 अंक हो गए. प्रदेश पहले स्थान से फिसलकर देश में 12 वें स्थान पर आ गया. इस लक्ष्य में यह प्रदेश के अब तक का सबसे बुरी स्थिति है. यह सारे इंडेक्स किसी भी देश और प्रदेश के विकास के लिए बहुत जरूरी इंडीकेटर होता है.

नीति आयोग की इस रिपोर्ट से साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ हर क्षेत्र में पिछड़ रहा है. अब तो राष्ट्रीय एजेंसी के डेटा से भी यह बात पुख्ता हो रही है कि ढाई सालों में भूपेश सरकार ने सभी विकास कार्यों को ठप्प कर दिया है. 15 सालों में भाजपा सरकार ने प्रदेश को जो देश में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया था. कांग्रेस की बिना विजन वाली विज्ञापनों पर चलने वाली सरकार ने गर्त में पहुंचा दिया है. नीति आयोग की रिपोर्ट प्रदेश सरकार के लिए आईने की तरह है. शायद मुख्यमंत्री इसमें अपने काम काज का लेखा-जोखा कर प्रदेश के हित में बचे हुए सालों में कुछ कदम उठाएंगे.

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