पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबन्द। 100 किमी से भी ज्यादा दूर से पहुंचे डामर गिट्टी मिक्स मटेरियल लेकर गाड़ियां बारिश से गीली सड़कों के सूखने के इंतजार में दो दिनों तक खड़ी रही. इसके बाद 80 से 100 डिग्री में बिछाए जाने वाले मटेरियल को गर्म करने की बजाए ठंडे होने के बावजूद सड़क पर बिछा दिया गया. ऐसे में सड़क के टिकाऊपन पर सवाल उठना लाजमी है.

नेशनल हाइवे 130 सी में धवलपुर से लेकर मदांगमुडा तक 69 किमी के पेच पर 25 करोड़ की लागत से मरम्मत कार्य किया जा रहा है. रायपुर की ठेका कम्पनी जीपी खेतान यह काम नेशनल हाइवे विभाग की देख रेख में कर रही है. शनिवार सुबह बजाघाटी के आगे यह मरम्मत कार्य शुरू किया गया, जिसमें ठंडे डॉमर मिक्स मटेरियल को सड़क पर बिछा दिया गया. जबकि यह 80 से 100 डिग्री टेम्प्रेचर का होना चाहिए.

जानकार बताते हैं कि ऐसा कई मर्तबे किया जा चुका है, क्योंकि रायपुर से अधिकतम दूरी होने के कारण साइड वर्क की निगरानी में हमेशा विभाग के अधिकारी नहीं रहते. इसी मौके का फायदा उठा कर काम में जम कर मनमानी किया जा रहा है. मामले में विभाग के इंजीनियर नेपालसिंह कंवर ने कहा कि ठंडे मटेरियल का इस्तेमाल हो ही नहीं सकता. ऐसा हुआ भी होगा तो खमियाजा ठेका कम्पनी को ही भुगतना पड़ेगा, क्योंकि 5 साल के परफार्मेंस ग्यारंटी में काम हो रहा है, इस अवधि में काम में कहीं भी खामियां आई तो उसे ठीक करने का काम कम्पनी की होगी.

48 घण्टे से भी ज्यादा खड़ी रही ट्रकें

सड़क किनारे खड़ी ट्रकों में से एक के ड्राइवर किशन मंडावी ने बताया कि 15-16 गाड़ियां खड़ी हैं, जो बुधवार सुबह से अभनपुर से भर कर भेजी गई है. बुधवार को मौसम खराब होने की वजह से सड़कें गीली थी इसलिए सड़क सूखने का इंतजार किया जा रहा है. आज इसका इस्तेमाल हो रहा है. मामले में फील्ड में मौजूद कम्पनी के सुपरवाइजर ठंडे डामर को सड़क पर बिछाए जाने से इंकार करता रहा. उसने अपना नाम न बताते हुए कहा कि ट्रकें गुरुवार को शाम को आई है, और माल अभी गरम है.

ठंडी सामग्री बिछाने पोकलेन का सहारा

ट्रकों में रखा मटेरियल ठंडा होकर जम गया था. जाम माल को बिछाने बकायदा एक फोकलेन मशीन लगाई गई थी. इसके पहले भी सड़क पर ठंडे मटेरियल को जेसीबी मशीन लगाकर तोड़ते-फोड़ते बिछाने की तस्वीर भी सामने आ चुकी थी. नियम के मुताबिक, मटेरियल बिछाई के वक़्त 100 डिग्री तापमान का होना चाहिए. 80 डिग्री तक का भी काम चल जाता है. यही वजह है कि अनुबन्ध में डामर मिक्स प्लांट की दूरी 70 किमी से ज्यादा नहीं होने का शर्त रखी जाती है. लेकिन इस पूरे वर्क में अभनपुर के प्लांट से मिक्स मटेरियल लाया गया, जो कि अनुबंधित कार्य स्थल से अधिकतम 150 से 100 किमी से भी ज्यादा दूर हो रही है.

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नेताओं ने लगाया मनमानी का आरोप

मामले में आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश सचिव जनक ध्रुव ने ठेका कम्पनी व अफसरों पर मिलीभगत का आरोप लगाया है. तस्वीर उपलब्ध कराते हुए कहा कि ठंडे मटेरियल बिछाने का यह खेल लंबे समय से चल रहा है. 80 एमएम डामर बिछाने का प्रावधान है, पर 40 से 60 एमएम ही पहले कोड में इसकी मोटाई दी जा रही है. जनक ने कहा कि साइड सोल्डर के अधूरे व गुणवत्ता विहीन कार्य से आये दिन दुर्घटना हो रहा है. भरी बारिश में यह काम जानलेवा साबित हो सकता है. मामले में राज्य सरकार को दखल देने के अलावा सेंट्रल अथॉरिटी को ऑनलाइन शिकायत की जाएगी.

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